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केसी वेणुगोपाल ने चुनाव आयोग को भाजपा का चुनावी एजेंट कहा, रविशंकर प्रसाद ने भाषण डिलीट करने की मांग की, कहा, हमें लेक्चर न दें

  New Delhi : लोकसभा में आज बुधवार को चुनाव सुधार पर चर्चा केरल(अलप्पुझा) के कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने शुरू की. उन्होंने चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा करते हुए पीएम मोदी के चुनावी जनसभाओं में मंगलसूत्र वाले बयान का उल्लेख किया.

 

वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि  कांग्रेस ने जब पीएम मोदी के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत की, तो चुनाव आयोग ने शिकायत भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को रेफर कर दिया. मामला ठंडा पड़ गया. अपनी बात रखते हुए केसी वेणुगोपाल ने 2003 में हुए एसआईआर के लिए चुनाव आयोग के ऑर्डर की कॉपी सदन में रखी.

 

कांग्रेस सांसद ने बताया कि तब एसआईआर के लिए छह महीने का समय था. बिहार में ऐसा क्या हुआ कि चुनाव से दो महीने पहले एसआईआर कराना पड़ा. साथ ही कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आधार कार्ड को आयोग ने मान्य किया.  उन्होंने कहा कि एसआईआर के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में वे  खुद भी पिटीशनर हैं.   केसी वेणुगोपाल ने चुनाव आयोग पर भाजपा के चुनाव एजेंट की तरह काम करने का आरोप लगाया.

 

उन्होंने  कहा कि इस सवाल का जवाब मिलना जरूरी है कि इस डिजिटल युग में मशीन रीडेबल वोटर लिस्ट क्यों नहीं है. केसी वेणुगोपाल ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां चुनाव आयोग सभी दलों से विचार विमर्श कर निर्णय लेता रहा है. लेकिन केरल में हुए लोकल चुनाव में चुनाव आयोग ने खुद ही फैसले ले लिये.  


 
केसी वेणुगोपाल के बाद बिहार के पटना साहिब से भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद बोलने के लिए खडे हुए. उन्होंने कांग्रेस  पर बरसते हुए कहा, विपक्ष के नेताओं के भाषणों में बहुत तल्खी है. कहा कि  इस तल्खी के पीछे हार की हताशा है. उन्होंने अध्यक्ष से केसी वेणुगोपाल के पूरे भाषण को डिलीट करने की मांग की.

 

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर वह सुप्रीम कोर्ट में पिटीशनर हैं, तो उन्हें वही मुद्दा सदन में उठाने का अधिकार नहीं है. याद दिलाया कि कांग्रेस ने कई बार संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया है. पूछा कि कैबिनेट के अप्रूवल के बिना इमरजेंसी लगाने का प्रस्ताव राष्ट्रपति फखरुद्दीन अहमद को किसने भेजा और उनको साइन करने पर विवश होना पड़ा.

 

गिल और नवीन चावला को CEC बनाए जाने का जिक्र करते हुए पलटवार किया. कहा कि वेणुगोपाल जी कृपा कर हमें भाषण न दें, अपने अतीत में झांकें. रविशंकर प्रसाद ने तंज कसा कि  चुनाव आयोग क्या तभी ठीक रहेगा, जब वह जीतेंगे. उदाहरण दिया कि इसी चुनाव आयोग में वह हरियाणा, तेलंगाना, कर्नाटक जीते. अखिलेश की पार्टी ने यूपी में हमसे ज्यादा सीटें कैसे जीत ली.  

 

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