Ranchi : विधानसभा के 25वें स्थापना दिवस समारोह में संसदीय कार्यमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि विधानसभा से पारित विधेयक को राजभवन लटका कर रखता है या विलंब करता है तो यह संसदीय प्रथा के प्रतिकूल है.
फिर कहा कि विधेयक विधानसभा से पारित होकर राज्यपाल या राष्ट्रपति के पास पहुxचते हैं, तो उन पर समयबद्ध निर्णय आवश्यक है, क्योंकि अनावश्यक विलंब संसदीय परंपरा के अनुरूप नहीं है.
राज्यपाल के आदेश से ही सत्र आहुत होता है. राज्यपाल के आदेश से ही धन विधेयक और विधानसभा का गठन होता है. झारखंड की विधायिका दूसरे राज्यों से अलग है. 12 महीने झारखंड विधानसभा की विधायी प्रक्रिया चलती रहती है.
बजट सत्र में 1000 सवाल आए, जवाब मिला सिर्फ 125 का
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि बजट सत्र के दौरान लगभग 1000 सवाल आए, लेकिन जवाब सिर्फ 125 प्रश्नों का ही मिला. अगर सत्र शांतिपूर्ण ढंग से चला होता तो राज्य की जनता को बेहतर परिणाम दे सकते थे. 50 से 60 दिनों का सत्र होना चाहिए. लेकिन 34 दिन से अधिक का सत्र नहीं होता है. समय का सदुपयोग होना चाहिए. विधायी संस्था कमजोर होगी तो लोकतंत्र कमजोर होगा.
मंथन-चिंतन का समय है
राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि 25 वर्ष बाद यह आत्ममंथन का समय है कि झारखंड की संसदीय प्रणाली कितनी मजबूत हुई है. विधायिका की मजबूती के पीछे कार्यपालिका का दायित्व भी अहम है. यदि पॉलिटिकल गर्वनेंस में ब्यूरोक्रेसी का सहयोग न हो तो संसदीय प्रणाली कमजोर होती है. स्पीकर में भी ललक है कि वे विधानसभा से सार्थक परिणाम निकालना चाहते हैं.
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने उत्कृष्ट विधायक के चयन पर कहा कि 81 विधायकों में कई नाम दावेदार थे, लेकिन चयनकर्ताओं ने राज सिन्हा को उपयुक्त पाया. उन्होंने बताया कि 2014 और 2019 के कार्यकाल में राज सिन्हा की कार्यशैली और जिज्ञासा ने उन्हें प्रभावित किया था.
प्रदेश में जिस तरह की स्वास्थ्य व्यवस्था होनी चाहिए वह दिखती नहीं : बाबूलाल
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि प्रदेश में जिस तरह की स्वास्थ्य व्यवस्था होनी चाहिए, वह दिखती नहीं है. इस पर पूरी ताकत लगाने की जरूरत है. कानून व्यवस्था ठीक होनी चाहिए. अगर ठीक नहीं होगी तो लोग भयभीत रहेंगे. पूंजी निवेश नहीं होगा. कानून व्यवस्था के लिए जीरो टॉलरेंस पर काम करना होगा. झारखंड में जो क्षमता है यह अगले 25 साल के पहले ही विकसित राज्यों की कतार में आ जाएगा.
बुनियादी चीजों की सरकार जनता का भी सहयोग ले. उन्होंने कहा कि बच्चों के क्वालिटी एजुकेशन पर चिंता करना चाहिए. गरीब से गरीब को शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलना चाहिए. तभी झारखंड की नींव मजबूत होगी.
राज्य के अफसर पीक एंड चूज कर मिला करते हैं
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्य के अफसर पीक एंड चूज कर लोगों से मिला करते हैं. सबका साथ सबका सहयोग सरकार को लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि 25 साल में कई राजनीतिक उतार-चढ़ावा देखे.
झारखंड आंदोलन के पीछे तथ्य था कि सत्ता में भागीदारी मिले. पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने अलग राज्य के गठन के सपने को साकार किया. पूरी तरह से राजनीतिक सत्ता का हस्तांतरण किया.
यह सम्मान धनबाद की जनता को समर्पितः राज सिन्हा
उत्कृष्ट विधायक के रूप में सम्मानित किए गए राज सिन्हा ने कहा कि यह सम्मान धनबाद की जनता को समर्पित है. उन्होंने कहा कि सदन में रहे पीएन सिंह को उत्कृष्ट विधायक का दर्जा मिलने के बाद उनके मन में भी यह तमन्ना जागी थी कि वे एक दिन उत्कृष्ट विधायक के रूप में चुने जाएं.
उन्होंने कहा कि जनता का निरंतर प्रेम और विश्वास बढ़ता दायित्व भी लेकर आता है. राज सिन्हा ने कहा कि वे जनसम्मान की मर्यादा को कभी कलंकित नहीं होने देंगे. मुझे उत्कृष्ट सेवक बनने की अभिलाषा है.
मेरे अंदर जो खामियां रही होंगी उसे नजर अंदाज किया गया होगा. थोड़ी बहुत जो अच्छाई लगी होगी, उसे प्राथमिकता दी गई होगी. उन्होंने कहा कि खुद 12 बजे रात में गाड़ी चलाकर अपने क्षेत्र में घूमता हूं. जब लाखों हाथ हमारी सुरक्षा में है तो सुरक्षा की क्या जरूरत है.
विपक्ष में हूं
राज सिन्हा ने कहा कि मैं विपक्ष में हूं. सरकार को आइना दिखाना पड़ता है. यही लोकतंत्र की खूबसूरती है. इच्छा होती है कि बे-तरीके विरोध करूं. फिर सोचते हैं कि सदन की गरिमा है. अपनी मर्यादा में रहकर विरोध भी करते हैं.
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