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हजारीबाग में जमीन दलालों ने श्मशान को भी नहीं छोड़ा, सड़क किनारे हो रहा संस्कार

पेलावल श्मशान घाट में 6 एकड़ जमीन थी

Hazaribagh: जमीन की भूख इस कदर बढ़ गयी कि दलालों ने श्मशान घाट को भी नहीं छोड़ा. जिस जमीन पर शव का अंतिम संस्कार होता था, उसे भी बेच दिया. हजारीबाग के पेलावल श्मशान घाट की स्थिति यह है कि लोग अब सड़क के किनारे दाह संस्कार करने को विवश हैं. बताया जाता है कि पेलावल श्मशान घाट के आसपास कभी 6 एकड़ से अधिक गैरमजरूआ जमीन थी. लेकिन जमीन दलालों ने लगभग सारी जमीनें बेच दीं. अब केवल कुछ डिसमिल खाली जमीन ही बची है. ऐसे में बड़ी मुश्किल से अंतिम संस्कार हो पाता है.

चहारदीवारी बनाने की मांग

बता दें कि श्मशान घाट के इस पूरे क्षेत्र में चहारदीवारी बनाने की मांग काफी समय से की जाती रही है. हकीकत यह है कि दो दशक बीत जाने के बाद भी प्रशासन ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. उसका परिणाम अब आमलोगों को भुगतना पड़ रहा है. कोरोना काल में मुसीबत और बढ़ गयी है. इस दौरान जब मौतें होने लगीं तो श्मशान क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त करने की मांग जोर पकड़ने लगी.

 न्यायसंगत कार्रवाई करेंगे

इस मामले पर सीओ अकू सिंह ने कहा कि अभी वे यहां के लिए नए हैं.  इसलिए इस बारे में अधिक जानकारी नहीं है. लेकिन लगातार जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं. आगे जो होगा उस पर न्यायसंगत कार्रवाई करेंगे. फिलहाल वो कोरोना पॉजिटिव है. कहा कि जैसे ही स्वस्थ होंगे इस मामले को अपने स्तर पर देखेंगे.

बता दें कि पेलावल श्मशान घाट पर जहां अंतिम संस्कार होता है, वहां से केवल 10  से 15 फीट की दूरी पर मकान बना हुआ है. स्थिति यह है कि जब भी वहां दाह संस्कार के लिए कोई शव आता है तो आसपास के घर के लोग घर बंद कर कहीं और चले जाते हैं. जब तक दाहकर्म चलता रहता है वे लोग नहीं लौटते हैं. जब सभी चले जाते हैं तब वे आते हैं.