Ashish Tagore
Latehar : लातेहार शहर के युवा व्यवसायी व समाजसेवी रितेश महलका को सेंट्रल बैंक से जुड़े एक मामले में अदालत ने बरी कर दिया है. रितेश महलका ने कहा कि उन्हेंर अदालत पर पूरा भरोसा था. अब वे आरोपों से मुक्त हो गये हैं. उन्होंने इस प्रकरण में सेंट्रल बैंक के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर व सीनियर मैनेजर पर 50-50 लाख यानी कुल एक करोड़ रुपये की मानहानि का दावा ठोंका है. महलका के अधिवक्ता सुनील कुमार ने बताया कि अक्टूबर 2020 में एक सुनियोजित साजिश के तहत सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की हेठपोचरा शाखा के तत्काललीन बैंक मैनेजर संदीप नारायण सिन्हा व सीनियर मैनेजर बेनन पी बारला ने रितेश महलका के खिलाफ गंभीर आपराधिक धाराओं में झूठी प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इस झूठे मुकदमे से महलका की सामाजिक प्रतिष्ठा, पारिवारिक सम्मान और व्यावसायिक छवि को गंभीर क्षति पहुंची है.
लातेहार जिला कोर्ट के न्यारयिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी उत्करर्ष जैन की अदालत ने तथ्यों और साक्ष्यों का परीक्षण करते हुए महलका को निर्दोष पाकर बाइज्जत बरी कर दिया. अधिवक्ताम कुमार ने बताया कि महलका ने बैंक के तत्कालीन दोनों मैनेजरों को कानूनी नोटिस जारी कर एक करोड़ की क्षतिपूर्ति की मांग की है. यदि तय समय सीमा में लिखित माफीनामा और आर्थिक क्षतिपूर्ति नहीं की जाती है, तो दोनों के खिलाफ दीवानी व दंडात्मक मुकदमे दायर किये जायेगें. अदालत के फैसले पर महलका ने कहा कि सत्य को कुछ समय तक दबाया जा सकता है, लेकिन मिटाया नहीं जा सकता. सोशल मीडिया पर की गई झूठी व अपमानजनक पोस्ट, फर्जी ऑडियो-वीडियो, और कमेंट्स से उनकी छवि धुमिल हुई है.
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