Ranchi: विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर आज मारवाड़ी महाविद्यालय रांची में एक जागरूकता व्याख्यान का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर संवाद को बढ़ावा देना और आत्महत्या की प्रवृत्ति को रोकने हेतु समाधान सुझाना था.
इस कार्यक्रम का आयोजन टेली मानस झारखंड, राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम, मारवाड़ी महाविद्यालय, एनएसएस, तथा आईक्ससी रांची के संयुक्त तत्वावधान में और सीआईपी रांची के सहयोग से किया गया.
मुख्य विषय: मानसिक समस्याएं और आत्महत्या की रोकथाम
मुख्य वक्ता के रूप में डॉ प्रीथा रॉय, झिमली चटर्जी, नेहा कुमारी, प्रियंका वंशकार, एवं प्रमोद कुमार ने आत्महत्या जैसे संवेदनशील मुद्दे पर सहज, स्पष्ट और व्यावहारिक जानकारी दी. कहा कि अवसाद, चिंता, पारिवारिक तनाव, पढ़ाई का दबाव, और सामाजिक अलगाव जैसी समस्याएं यदि समय पर पहचानी जाएं तो आत्महत्या जैसे कदम को टाला जा सकता है.
वक्ताओं ने आत्महत्या के चेतावनी संकेतों पर विशेष ध्यान देने की बात कही, जैसे:
- मृत्यु या निराशा की बातें करना
- अचानक व्यवहार में बदलाव
- दोस्तों और परिवार से दूरी
- नशे की आदतों में वृद्धि
- सोशल मीडिया पर अलविदा या मृत्यु से जुड़े पोस्ट
उन्होंने यह भी कहा कि मदद मांगना कमजोरी नहीं बल्कि साहस और समझदारी की निशानी है.
मदद के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन
जिन लोगों को मानसिक कठिनाइयां हो रही हैं वे सरकार की नि:शुल्क व गोपनीय मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन 14416 या 1800-891-4416 पर संपर्क कर सकते हैं
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ाना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता बन चुकी है. विद्यार्थियों में भावनात्मक चुनौतियां तेजी से बढ़ रही हैं.
उन्हें सही मार्गदर्शन, सहयोग और सकारात्मक सोच से मजबूत बनाया जाना चाहिए ताकि वे आत्महत्या जैसे गलत कदम से दूर रहें. मारवाड़ी महाविद्यालय इस दिशा में लगातार प्रयासरत रहेगा.
कार्यक्रम में डॉ मनोज कुमार (प्राचार्य, मारवाड़ी महाविद्यालय), अनुभव चक्रवर्ती (एनएसएस व प्लेसमेंट सेल कोऑर्डिनेटर), डॉ उमेश कुमार (एग्जाम कंट्रोलर), तरुण चक्रवर्ती (डीएसडब्लू), नीरज कुमार (सीनियर एग्जीक्यूटिव, लर्निंग लिंक्स फाउंडेशन), उदय कुमार (एनएसएस लीडर), डॉ प्रीथा रॉय, झिमली चटर्जी, नेहा कुमारी, प्रियंका वंशकार, प्रमोद कुमार (टेली मानस, सीआईपी रांची) से उपस्थित रहे.
कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने मानसिक दबाव, चिंता, अकेलापन और पढ़ाई के तनाव से जुड़े सवाल पूछे जिनका जवाब वक्ताओं ने व्यवहारिक और सहानुभूतिपूर्ण ढंग से दिया.
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