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चिकित्सा केवल पेशा नहीं, बल्कि पुनित कर्म होः राज्यपाल

Deoghar : देवघर एम्स के पहले दीक्षांत समारोह में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि चिकित्सा केवल पेशना ही नहीं होना चाहिए. बल्कि एक पुनित कर्म भी होना चाहिए. ज्ञान की प्राप्ति तभी सार्थक है, जब उसका उपयोग जनकल्याण के लिए हो. 


अपनी विशेषज्ञता को राष्ट्र निर्माण में लगाएं. यह शैक्षणिक उपलब्धि ही नहीं सामाजिक दायित्व की भी शुरूआत है. चिकित्सा मार्ग सिर्फ करियर ही नहीं, बल्कि संवेदना और नैतिक दृढ़ता की भी मांग करता है. एम्स देवघर से बिहार और पश्चिम बंगाल के लोगों को भी लाभ होगा.


एजुकेशन हब बनाने की दिशा में किया जा रहा काम


राज्य़पाल ने कहा कि झारखंड को एजुकेशन हब बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है. यह दीक्षांत समारोह औपचारिक आयोजन ही नहीं बल्कि ऐतिहासिक क्षण भी है. राष्ट्रपति लाकों बेटियों के लिए प्रेरणा है. मैंने राज्य के सभी जिलों का भ्रमण किया. सरकार की योजनाओं के प्रति लोगों को जागरूक किया और कर भी रहा हूं. कोई पात्र भी व्यक्ति विकास योजनाओं से वंचित नहीं रहना चाहिए. 


 मैं भी एक डॉक्टर हूं, अपने मेडिकल कॉलेज के दिन याद आ रहेः डॉ इरफान


स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि मैं भी एक डॉक्टर हूं. मंत्री भी हूं. ये मेरे लिए पद नहीं भावना है. अपने मेडिकल कॉलेज के दिन याद आ रहा है. डॉक्टर के नाते मरीज का दर्द समझता हूं. यह प्रोफेशन नहीं बल्कि एक कमिटमेंट है. 


हर व्यक्ति को सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है. निजी डॉक्टरों को सरकारी अस्पताल से जोड़ने का काम किया जा रहा है. रांची सदर अस्पताल को आयुष्मान में पहला स्थान प्राप्त हुआ है. पीपीपी मोड में छह मेडिकल कॉलेज की स्थापना के साथ रिम्स टू की स्थापना होने जा रही है. 

 

 देवघर एम्स में शिक्षा, सेवा और शोध एक साथ चलते हैः सौरभ


देवघर एम्स के कार्यकारी निदेशक सौरभ वार्षेण्य ने कहा कि देवघर एम्स में शिक्षा सेवा और शोध एक साथ चलते हैं. सितंबर 2019 को पहले बैच की शुरूआत हुई. इसमें 50 विद्यार्थी थे. आज विभिन्न फैक्लटी में 900 विद्यार्थी हैं. 70 फीसदी फैक्ल्टी के पोस्ट भरे हुए हैं. अब देवघर एम्स में एमबीबीएस की 125 सीटें हो गई हैं. पांच साल में 400 प्रोजेक्ट लिखे गए.


पांच गांवों को गोद लिया


सौरभ ने बताया कि देवघर एम्स ने पांच गांवों को गोद लिया है. चार साल से टेलीमेडिसिन सेवा दी जा रही है. ड्रोन सेवा के तहत दूर दराज इलाकों सर्प दंश से पीड़ितों के लिए एंटीवेनम पहुंचाया जा रहा है. 
3000 से अधिक कैंप लगाए जा चुके हैं. मेंटल हेल्थ पर भी सर्वे किया जा रहा है. अगस्त 2021 से ओपीडी सेवा शुरू की गई. इसमें 7.50 लाथ मरीजों को देखा जा चुका है.

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