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मेदिनीनगर नगर निगम : जून माह से स्थायी नगर आयुक्त नहीं होने से कई कार्य लंबित

Palamu :   पलामू जिले के एक मात्र नगर निगम को बीते जून माह से स्थाई नगर आयुक्त नहीं मिल पाया है. इस कारण निगम के कई वित्तीय और प्रशासनिक कामकाज लंबित पड़े हैं. तीन माह से स्थायी नगर आयुक्त की नियुक्ति नहीं होने से कर्मचारियों से लेकर आम नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. 

 

जून से स्थाई नगर आयुक्त की नियुक्ति नहीं

बता दें कि जून महीने में तत्कालीन नगर आयुक्त जावेद हुसैन का पलामू डीडीसी पद पर स्थानांतरण के बाद से यह पद खाली है. तब से अब तक इस पद पर किसी स्थायी अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो सकी है. 

 

फिलहाल सहायक नगर आयुक्त विश्वजीत महतो निगम के सामान्य कार्य (शिकायतें, सफाई, पेयजल आपूर्ति व अन्य रूटीन कार्य) देख रहे हैं. लेकिन उनके पास वित्तीय अधिकार नहीं होने के कारण बजट से जुड़ा कोई भी निर्णय नहीं लिया जा सका है. 

 

बीते दिनों प्रशिक्षु आईएएस हिमांशु लाल को 20 दिनों के लिए नगर आयुक्त का प्रभार दिया गया था. लेकिन वित्तीय प्रभार नहीं मिलने के कारण निगम के वित्तीय कामकाज जस के तस रह गये.  उनका कार्यकाल 10 दिन पहले ही खत्म हो चुका है.  

 

तीन माह से नहीं मिला कर्मियों को वेतन

बताते चलें कि स्थाई नगर आयुक्त की नियुक्ति नहीं होने से नगर निगम के करीब 450 कर्मचारियों, जिनमें सफाईकर्मी, दैनिक वेतनभोगी और पेयजल आपूर्ति से जुड़े कर्मचारी शामिल हैं, को बीते जून महीने से वेतन नहीं मिला है. 

 

हड़ताल पर जाने की चेतावनी

सितंबर का पहला सप्ताह बीत जाने के बाद भी वेतन नहीं मिलने से इन कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. निगम कर्मियों ने चेतावनी दी है कि अगर रविवार तक वेतन नहीं मिला, तो वे सभी कार्य ठप कर देंगे. 

 

पीएम आवास की राशि नहीं मिलने से घर का काम अधूरा

स्थायी नगर आयुक्त के अभाव में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत स्वीकृत 5000 से अधिक लाभुकों की दूसरी, तीसरी और चौथी किस्त की राशि अटकी हुई है. राशि नहीं मिलने के कारण लाभुक अपने घर का निर्माण कार्य पूरा नहीं कर पा रहे हैं.

 

कई लाभुकों ने अपना पुराना घर गिराकर नए घर का निर्माण शुरू किया था. लेकिन राशि नहीं मिलने और घर का निर्माण अधूरा रहने से वे बरसात के मौसम में अधूरे घरों में रहने को मजबूर हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसारस, जून में ही निगम को इस योजना के लिए 9 करोड़ रुपये मिले थे, लेकिन नगर आयुक्त नहीं होने से फंड वितरण का काम भी अटका हुआ है.

 

संवेदकों को भुगतान नहीं, निर्माण कार्य ठप

स्थायी नगर आयुक्त के अभाव का असर विकास और निर्माण कार्यों पर भी दिख रहा है. स्थाई नगर आयुक्त नहीं होने के कारण ठेकेदारों को भुगतान नहीं हो पा रहा है, जिससे उन्होंने काम बंद कर किया है. वहीं नए टेंडर में एमबी बुक होने के बाद भी संवेदकों को भुगतान नहीं होने के कारण निर्माण कार्य शुरू करने में भी बाधा आ रही है.

 

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