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अल-फलाह यूनिवर्सिटी का अल्पसंख्यक वाला दर्जा खतरे में, NCMEI ने कारण बताओ नोटिस जारी किया

New Delhi : लाल किला ब्लास्ट के बाद फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी को मिला हुआ अल्पसंख्यक यूनिवर्सिटी को दर्जा छिन सकता है. खबर है कि नेशनल कमीशन फॉर माइनोरिटी एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस (NCMEI) ने ब्लास्ट मामले में संलिप्तता को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

 

जानकारी के अनुसाार लाल किला आतंकी हमला मामले में यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों के जुड़ते कनेक्शन की वजह से NCMEI ने युनिवर्सिटी से पूछा है कि उसका अल्पसंख्यक दर्जा क्यों नहीं रद्द किया जाये.


 
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार एनसीएमईआई ने शुक्रवार रात अल-फलाह यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को नेशनल सिक्योरिटी एंड सेफ्टी का हवाला देते हुए लिखा है कि संस्थान का अल्पसंख्यक दर्जे वाला सर्टिफिकेट क्यों न कैंसल   कर दिया जाये. NCMEI के अनुसार माइनॉरिटी स्टैटस का दुरुपयोग किया गया है.


   
खबर है कि एनसीएमईआई ने एक पत्र हरियाणा सरकार को भी लिखा है. दरअसल हरियाणा की तत्कालीन हुड्डा सरकार  अल-फलाह को राज्य निजी विश्वविद्यालय और इसके मेडिकल कॉलेज को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा दिया था. अल-फलाह को 2014 में प्राइवेट यूनिवर्सिटी का दर्जा मिला था, 1997 में माइनॉरिटी सर्टिफिकेट जारी किया गया था.

 


एनसीएमईआई के सदस्य प्रो शाहिद अख्तर ने जानकारी दी है कि  इस मामले में 4 दिसंबर को सुनवाई की जायेगी. नियमों के अनुसार एनसीएमईआई एक्ट के सेक्शन 12सी के तहत आयोग किसी संस्था का अल्पसंख्यक दर्जा निष्पक्ष सुनवाई के क्रम में यूनिवर्सिटी के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर रद्द कर सकता है. 

 

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