New Delhi : सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलने जा रही है. खबर है कि मनरेगा का नाम बदल कर पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना रखा जायेगा. सूत्रों के अनुसार ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार किया है.
कहा जा कहा है कि यह महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज दर्शन को मजबूत करने का प्रयास है. नाम बदलने का प्रस्ताव कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा जायेगा. अहम बात यह है कि योजना का मूल ढांचा यानी ग्रामीण परिवारों को सालाना 100 दिन की गारंटी मजदूरी में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया जायेगा.
मनरेगा के बारे में जान लें कि इसे 2005 में UPA सरकार द्वारा शुरू किया गया था. 2009 में इसका नामकरण किया गया. विश्व बैंक न 2014 में इस योजना की तारीफ की थी. इसे भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ करार दिया जाता है.
इस योजना के तहत देश के 25 करोड़ से ज्यादा हाशिए पर पड़े परिवारों को आजीविका सुरक्षा मिलती है. मनरेगा के तहत सड़कें, तालाब, वनरोपण आदि कार्य होते है. जानकारी के अनुसार 2025-26 के बजट में 86,000 करोड़ रुपये आवंटित हैं, जो पिछले वर्ष से 10% अधिक है.
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