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कोरोना काल में अपने छह साथियों को खो चुके मनरेगाकर्मियों ने सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप, जा सकते हैं हड़ताल पर

Ranchi: राज्य के मनरेगा कर्मी झारखंड सरकार से सामाजिक सुरक्षा देने एवं जीवन बीमा कराने की गुहार लगा रहे हैं. आरोप है कि सरकार की ओर से दिया गया वादा 8 माह बाद भी पूरा नहीं हुआ है. इसे लेकर मनरेगा कर्मियों में सरकार के प्रति गंभीर रोष देखा जा रहा है. राज्य सरकार और झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के बीच हुई वार्ता में दुर्घटना बीमा,  जीवन बीमा,  मृत मनरेगा कर्मियों के आश्रित को मुआवजा, मानदेय में बढ़ोतरी, महंगाई भत्ता एवं अन्य मांगों को एक से डेढ़ माह में पूरा करने का आश्वासन दिया गया था. जो आठ माह बाद भी पूरा नहीं हुआ है. मनरेगाकर्मियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार यदि उनकी मांगें जल्द पूरी करती तो वे हड़ताल पर चले जाएंगे.

ड्यूटी के दौरान छह कर्मियों ने गंवाई जान

कोरोना वायरस की दूसरी लहर की चपेट में आने से राज्य के छह कर्मियों ने अपनी जान गांवा दी है. जिनमें अरुणा लकड़ा (रांची), संतोष चौरसिया (धनबाद), प्रभा एक्का (सिमडेगा), मो0 शमशेर अंसारी (गिरिडीह), जगदीश तिर्की (रांची) और लिट्टू उरांव (रांची) शामिल हैं. मनरेगा कर्मियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि वे बिना किसी तरह की सुरक्षा या स्वास्थ्य बीमा के उनसे काम कराया जा रहा है. कोरोनाकाल में कई कर्मी हर दिन संक्रमित हो रहे हैं, जिससे उनकी जान भी जा रही है. कर्मियों की मौत के बाद परिवार को किसी तरह की मदद नहीं मिल पा रही है. मनरेगा कर्मी संघ ने सरकार से आश्रितों को जल्द मुआवजा और स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने की मांग की है.