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मोदी सरकार ने बढ़ाया CBI और ED निदेशक का कार्यकाल, तो कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने SC में लगायी गुहार

NewDelhi : केंद्र  की मोदी सरकार द्वारा CBI और ED के निदेशक का कार्यकाल पांच साल तक बढाये  के लिए लाये गये अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. जान लें कि कल टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी इस मामले में याचिका दाखिल की थी. सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर कहा, सीबीआई और ईडी निदेशक के कार्यकाल के विस्तार से जुड़े केंद्रीय अध्यादेशों को चुनौती देते हुए मैंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. यह SC  के फैसले के विपरीत है. जान लें कि इन अध्यादेशों को चुनौती देने वाली यह दूसरी याचिका है. इससे पूर्व वकील एमएल शर्मा ने मंगलवार को  याचिका दायर की थी. इसे भी पढ़ें : सुप्रीम">https://lagatar.in/supreme-court-did-not-give-relief-to-paramvir-singh-said-first-tell-where-are-you-hiding-hearing-now-on-november-22/">सुप्रीम

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यह प्रतिवादियों की आत्मसंतुष्टि पर आधारित है

सूत्रों के अनुसार सुरजेवाला ने SC में दायर अपनी याचिका में कहा, अध्यादेशों के संदर्भ में जनहित को लेकर जो अस्पष्ट हवाला दिया है, उसका कोई आधार नहीं बताया गया है. असल में यह प्रतिवादियों की आत्मसंतुष्टि पर आधारित है. इसका संबंधित जांच संस्थाओं की स्वतंत्रता पर स्पष्ट रूप से विपरीत असर होगा. सुरजेवाला ने यह आरोप भी लगाया कि इस तरह से अस्थायी रूप से और थोड़ी-थोड़ी अवधि के लिए सेवा विस्तार देने से जांच एजेंसियों पर कार्यकापालिका के नियंत्रण की अभिपुष्टि होती है. यह एजेंसियों के स्वतंत्र रूप से कामकाज करने के भी प्रतिकूल है.  कांग्रेस नेता ने कहा कि सीबीआई और ईडी के निदेशकों का दो साल का निर्धारित कार्यकाल होता है, लेकिन अब एक-एक साल का सेवा-विस्तार दिया जा सकेगा और यह एकमुश्त पांच साल का कार्यकाल नहीं होगा. इसे भी पढ़ें : शिवसेना">https://lagatar.in/shiv-sena-mp-kripal-tumane-gave-a-controversial-statement-on-kangana-everyone-knows-who-got-padma-shri-by-licking-her-feet/">शिवसेना

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सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम राहत की मांग की

उन्होंने यह भी कहा, इसका मतलब यह होगा कि हर सेवा विस्तार नियुक्ति करने वाले प्राधिकार के विवेक और आत्मसंतुष्टि पर निर्भर करेगा. सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम राहत की मांग की और आरोप लगाया कि ये अध्यादेश ऐसी संस्थाओं की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर आये अदालती आदेशों का भी उल्लंघन हैं और यह सत्ता के स्पष्ट दुरुपयोग की बात का भी खुलासा करते हैं. जान लें कि सरकार ने पिछले रविवार को दो अध्यादेश जारी किये,  जिसमें कहा गया था कि ईडी और सीबीआई के निदेशकों का कार्यकाल अब दो साल के अनिवार्य कार्यकाल के बाद तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है. इन अध्यादेशों को लाने के कुछ दिनों बाद सरकार ने बुधवार को ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल 18 नवंबर 2022 तक बढ़ा दिया. इसे भी पढ़ें : हिंदुत्व">https://lagatar.in/pakistan-also-jumped-into-hindutva-controversy-foreign-minister-qureshi-called-it-part-of-bjps-hate-ideology/">हिंदुत्व

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