- अब कोचिंग सेंटरों पर लगेगी लगाम
Ranchi : झारखंड विधानसभा में चल रहे मॉनसून सत्र के तीसरे दिन पांच विधेयक पास हो गए. झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक, 2025, झारखंड व्यावसायिक शिक्षण संस्थान (शुल्क विनियमन) विधेयक, 2025 और झारखंड कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक, 2025 को मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने सभा पटल पर रखा.
वहीं झारखंड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (विशेष छूट) विधेयक, 2025 और झारखंड प्लेटफार्म आधारित गिग श्रमिक (निबंधन और कल्याण) विधेयक, 2025 को मंत्री संजय प्रसाद यादव ने सभा पटल पर रखा. सभी विधेयक ध्वनिमत से स्वीकृत हुए.
झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक, 2025
झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक इस अधिनियम के माध्यम से राज्य के विश्वविद्यालयों में बीसी, प्रोवीसी रजिस्ट्रार परीक्षा नियंत्रक और वित्तीय सलाहकार जैसे पदों पर नियुक्ति का अधिकार राज्यपाल के पास न होकर मुख्यमंत्री के पास होगा.
विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों व गैर पदों पर बहाली और प्रमोशन का फैसला भी राज्य सरकार करेगी. सीनेट की अध्यक्षत प्रोसीसी या उच्व एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री करेंगे.
इसमें सीनेट की बैठक वर्ष में दो बार होगी. इस पर चर्चा करते हुए विधायक नवीन जायसवाल ने प्रवर समिति को भेजने का प्रस्ताव किया. कहा कि यह विधेयक राजनीति से प्रेरित है. शिक्षा राजनीतिकरण करने का प्रयास है.
राज्यपाल का पावर सीज करने का प्रयासः नवीन
नवीन जायसवाल ने कहा कि इसमें राज्यपाल का पावर सीज करने का प्रयास है. कमेटी में कम से कम पांच सदस्य होने चाहिए. इसमें कार्यकर्ताओं को थर्ड और फोर्थ ग्रेड में नौकरी देने का उपाय किया गया है.
कुलाधिपति को विजिटर के तौर पर किया गया है नामितः सुदिव्य सोनू
मंत्री सुदिव्य सोनू ने कहा कि कुलाधिपति को विजिटर के रूप में नामित किया गया है. गुजरात में यह मॉडल पिछले 11 साल से सफल रहा है. विश्वविद्यालयों को राजनीति का आखाड़ा किसने बनाया यह सब जानते हैं.
विपक्ष पर निशाना साधते हुए मंत्री ने कहा कि राजनीति से प्रेरित इनकी भावना राज्य हित में नहीं है. इस विधेयक में तमाम बिंदुओं की समीक्षा की गई है. सीनेट की बैठक वर्ष में दो बार होना अनिवार्य है. इसे प्रवर समिति में भेजने की जरूरत नहीं है.
झारखंड व्यावसायिक शिक्षण संस्थान शुल्क रेगुलेशन विधेयक 2025
निजी व व्यावसायिक शिक्षण संस्थान के शुल्क संरचना में समानता लाने को लेकर यह विधेयक है. मेडिकल इंजीनियरिंग मैनेजमेंट जैसे पाठ्यक्रमों की फीस को तार्किक बनाना इसका उद्देश्य है. इसके तहत फीस दांया तय करने के लिए शुल्क नियामक समिति का गठन होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में व्यवशिक्षा के शुल्क निर्धारण का आदेश दिया वा ताकि निजी संस्थानों की मनमानी फीस उगाही पर रोक सके. इसमें शैक्षणिक सत्र से पहले शुल्क निर्धारित करना होगा.
झारखंड कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक, 2025
झारखंड कोचिंग सेंटर (कंट्रोल एंड रेगुलेशन) विधेयक इस अधिनियम के लागू होने से 50 से अधिक छात्रों को पढ़ाने वाले कोचिंग संस्थान इसके दायरे में आ जाएंगे. 1000 से ज्यादा बच्चे होंगे तो कोचिंग संचालकों को साइकोलोजिस्ट रखना होगा.
ऐसे संस्थानों को जिला स्तर को कोचिंग सेंटर रेगुलेटरी कमेटी में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. अनियमित ढंग से बढ़ते कोचिंग सेंटर और मनमानी फीस वसूली जैसी विसंगतियों की रोकथाम के लिए सरकार ने यह विधेयक तैयार किया है.
इसके लिए जिला स्तर पर डीसी की अध्यक्षता में डिस्ट्रिक्ट कोचिंग सेंटर रेगुलेटरी कमेटी और राज्य स्तर पर झारखंड स्टेट कोचिंग सेंटर रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन होगा.
हर कोचिंग का होगा एक यूनिक नंबरः सुदिव्य
मंत्री सुदिव्य सोनू ने बताया कि हर कोचिंग संस्थान का एक यूनिक नंबर होगा. छात्रों को पूरा स्पेस दिया जाएगा. हर स्टूडेंड और हर ट्यूटर का भी यूनिक आइडी होगा. 1000 से अधिक बच्चे होने पर संचालक को साइकोलॉजिस्ट रखना होगा.
नवीन जायसवाल ने कहा कि कई जगहों पर बेसमेंट में कोचिंग संस्थान चल रहे हैं. वेटिलेशन की भी जगह नहीं है. फीस की गारंटी का प्रावधान होना चाहिए. इस पर मंत्री ने कहा कि पैसा लेकर लापता होने वाले संस्थानों के फ्रेंचाइजी के साथ फ्रेंचाइजर को भी दंडित किया जाएगा.
तमाम कोचिंग संस्थानों को एकरूपता में लाया जाएगा. अनावश्यक दोहन नहीं होगा. संस्थान अगर बीच में को बंद करता है तो उसे डिस्प्ले करना होगा साथ ही पैसा भी लौटाना होगा. कोचिंग संस्थान के ट्यूटर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकेंगे.
प्लेटफॉर्म आधारित मिग वर्कर्स (पंजीकरण कल्याण) विधेयक 2025
यह कानून बनने के बाद राज्य के करीब 50 हजार गिंग वर्कर्स को दुर्घटना बीमा, सामाजिक सुरक्षा पेंशन व अन्य कल्याण योजनाओं का लाभ मिलेगा. इसके लिए गिंग वर्कर्स कल्याण बोर्ड और कल्याण कोष बनेगा.
इनकी सेवा लेने वाले प्रतिष्ठानों को बोर्ड से उनका पंजीकरण कराना होगा. एग्रीगेटर को अपने वार्षिक टर्नओवर का 1 में 2% बोर्ड में जमा करना होगा. अनुदान, सीएसआर फंड में भी पैसे बोर्ड को मिलेंगे. इससे गिग वर्कर्स एवं उनके परिजनों को मदद दी जाएगी.
झाराखंड सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम छूट विधेयक 2025
सरकार ने मूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) लगाने वालों को विशेष छूट देने का फैसला लिया है. इस अधिनियम के लागू होने के बाद ऐसे उद्योग लगाने के लिए तीन साल तक लाइसेंस की जरूरत नहीं पड़ेगी.
किसी प्रकार की कोई फीस या टैक्स भी नहीं देना होगा. इससे उद्योगपति प्रारंभिक चरणों में प्लांट लगाने और उद्योगों के विकास पर ध्यान दे सकेंगे. उन्हें लंबी अनुमोदन प्रक्रिया से छूट मिलेगी.
ये विधेयक ध्वनिमत से हुए पास
-झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक, 2025
- झारखंड व्यावसायिक शिक्षण संस्थान (शुल्क विनियमन) विधेयक, 2025
- झारखंड कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक, 2025
- झारखंड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (विशेष छूट) विधेयक, 2025
- झारखंड प्लेटफार्म आधारित गिग श्रमिक (निबंधन और कल्याण) विधेयक, 2025
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