New Delhi : भारतीय भेषज संहिता आयोग (IPC), गाजियाबाद और झारखंड राज्य फार्मेसी परिषद (JSPC) ने 15 नवंबर को दवाओं की सुरक्षा और सही उपयोग को मजबूत बनाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए.
एमओयू पर हस्ताक्षर आईपीसी के सचिव-सह-वैज्ञानिक निदेशक डॉ. वी. कलईसेल्वन और जेएसपीसी के रजिस्ट्रार-सह-सचिव प्रशांत कुमार पांडे ने किए. समझौते का मुख्य उद्देश्य झारखंड में दवाओं के सुरक्षित उपयोग, प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया (एडीआर) रिपोर्टिंग, औषधि सतर्कता और मैटेरियोविजिलेंस को मजबूत करना है.
सहयोग के तहत दोनों संस्थान राज्य भर के पंजीकृत फार्मासिस्टों के लिए प्रशिक्षण और जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करेंगे. अस्पतालों और सामुदायिक फार्मेसियों में दवाओं के सही उपयोग और एडीआर रिपोर्टिंग की व्यवस्था को बढ़ावा दिया जाएगा.
इस साझेदारी के माध्यम से झारखंड के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में राष्ट्रीय फॉर्मूलरी ऑफ इंडिया (एनएफआई) को मानक संदर्भ दस्तावेज के रूप में अपनाया जाएगा. फार्मासिस्टों को दवाओं के तर्कसंगत वितरण और सुरक्षित उपयोग के लिए एनएफआई का नियमित रूप से उपयोग करने को प्रोत्साहित किया जाएगा.
एमओयू के तहत फार्मासिस्टों के लिए जागरुकता कार्यक्रम, संस्थागत फार्मेसियों में एनएफआई के अनिवार्य उपयोग और राष्ट्रीय वार्षिक औषधि सतर्कता सप्ताह के आयोजन में सहयोग जैसे कदम शामिल हैं.
आईपीसी तकनीकी दिशा-निर्देश और विशेषज्ञ सहायता प्रदान करेगा, जबकि जेएसपीसी राज्यभर के सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थानों में फार्मासिस्टों के साथ मिलकर इन गतिविधियों के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करेगा.



Leave a Comment