- मुड़मा जतरा हमारी पहचान व परंपरा का पर्व है : चमरा लिंडा
Ranchi : सदियों पुरानी आदिवासी आस्था, परंपरा और संस्कृति का जीवंत प्रतीक राजकीय ऐतिहासिक मुड़मा जतरा 8 और 9 अक्तूबर को भव्य रूप में आयोजित की जाएगी. राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा भारत जतरा द्वारा आयोजित यह आयोजन छोटानागपुर की सांस्कृतिक पहचान का दर्पण माना जाता है.
इस जतरा में मुंडा और उरांव समुदायों का अनूठा संगम देखने को मिलेगा. परंपरागत वेशभूषा में सजे 7 से 40 पड़हा के खोड़ा दल पारंपरिक नृत्य, गीत और प्रतीक चिन्हों के साथ शामिल होंगे, जिससे पूरा क्षेत्र आदिवासी रंग में रंग जाएगा.
जतरा को सफल बनाने के लिए सभी संबंधित विभागों को विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं ताकि अतिथियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो. आयोजन की तैयारियों का स्वयं धर्मगुरु बंधन तिग्गा और कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने स्थल पर जाकर निरीक्षण किया.
मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि जतरा हमारी पहचान और परंपरा का पर्व है. इसे भव्य बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी. अगले वर्ष तक जतरा भूमि के संरक्षण और संवर्धन के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे. मुड़मा जतरा न केवल धार्मिक आस्था का पर्व है, बल्कि यह आदिवासी अस्मिता और सामूहिक एकता का जीवंत उत्सव है.
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