Ranchi : खुंटकटी मुंडा धर्म समाज, रातु शाखा द्वारा रांची के हुरहुरी बाड़ी टोला स्थित सरना स्थल में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में झारखंड सरकार द्वारा जारी झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (JTET) नियमावली 2025 में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं से जुड़े संशोधनों पर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया.
बैठक को संबोधित करते हुए समाज के कार्यकारी अध्यक्ष मनीष मुंडा ने कहा कि JTET नियमावली में मुंडारी भाषा की उपेक्षा जनजातीय अस्मिता और सांस्कृतिक पहचान पर गहरी चोट है. उन्होंने कहा कि मुंडारी झारखंड की प्राचीनतम भाषाओं में से एक है और यह राज्य के कई जिलों - जैसे खूंटी, रांची, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, चाईबासा, लातेहार, चतरा, पलामू, गढ़वा, बोकारो, सिमडेगा, गुमला और रामगढ़ में व्यापक रूप से बोली जाती है.
समाज की ओर से झारखंड सरकार और राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन से अपील की गई कि शिक्षक पात्रता परीक्षा की नियमावली 2025 में संशोधन कर मुंडारी भाषा को मान्यता दी जाए और इसे सूचीबद्ध भाषाओं में शामिल किया जाए.
बैठक की अध्यक्षता शैलेंद्र पाहन ने की. इस अवसर पर संगठन सचिव देवेंद्र पाहन, अमीन मुंडा, हेमंत मुंडा, अजय मुंडा, संतोष मुंडा, विकी मुंडा, ग्राम प्रधान फूल कुमार मुंडा, मदरा मुंडा, मंगरा मुंडा, कृष्णा मुंडा और सुनील मुंडा समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे.