Ranchi : केन्द्रीय सरना समिति के एक प्रतिनिधिमंडल ने समिति के केन्द्रीय अध्यक्ष बबलू मुंडा के नेतृत्व में सांसद एवं राज्य रक्षा मंत्री संजय सेठ और विधायक सी.पी. सिंह से मुलाकात की. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने रातू रोड स्थित फ्लाईओवर का नाम ‘महाराजा मदरा मुंडा फ्लाईओवर’ रखने की मांग की.
दक्षिण छोटानागपुर के अंतिम पड़हा राजा थे महाराजा मदरा मुंडा
केन्द्रीय अध्यक्ष बबलू मुंडा ने बताया कि महाराजा मदरा मुंडा दक्षिण छोटानागपुर के अंतिम मुंडा राजा थे. वे सुतियाम्बेगढ़, कांके (रांची) के शासक रहे और आज भी मुंडा समाज में उन्हें अत्यंत सम्मान के साथ याद किया जाता है.
आदिवासी संस्कृति के प्रतीक थे महाराजा मदरा मुंडा
मुख्य पाहन जगलाल पाहन ने कहा कि मुंडा जनजाति एक प्राचीन आदिवासी समुदाय है, जिसकी पहचान इसकी समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था से होती है. महाराजा मदरा मुंडा ने आदिवासी समाज में पड़हा व्यवस्था की शुरुआत की, जो आज भी प्रचलित है और सामाजिक प्रशासन का आधार है.
स्मृति चिन्ह के रूप में कांके में स्थापित है प्रतिमा
बबलू मुंडा ने आगे बताया कि कांके प्रखंड के पिठौरिया स्थित सुतियाम्बे गांव में महाराजा मदरा मुंडा की प्रतिमा स्थापित है, जो उनके योगदान की स्मृति को जीवित रखती है. इस प्रतिनिधिमंडल में बबलू मुंडा के अलावा मुख्य पहान जगलाल पहान, महादेव टोप्पो, मुकेश मुंडा, अशिष मुंडा, विशाल मुंडा, संतोष मुंडा, महादेव मुंडा सहित अन्य लोग उपस्थित थे.