Ranchi : सदर अस्पताल रांची में शनिवार को कॉनजेनिटल टालीपेस इक्विनोवेरस (CTeV) अर्थात क्लबफुट के प्रबंधन हेतु उन्नत प्रशिक्षण सत्र सफलतापूर्वक आयोजित किया गया. यह राष्ट्रीय स्तर का चिकित्सा प्रशिक्षण CURE इंडिया की पहल के अंतर्गत किया गया, जिसका उद्देश्य ऑर्थोपेडिक सर्जनों को गैर-सर्जिकल उपचार तकनीक, विशेषकर सीरियल कास्टिंग आधारित पॉन्सेटी पद्धति में विशेषज्ञता प्रदान करना है.
पॉन्सेटी पद्धति क्लबफुट के शुरुआती उपचार की वैश्विक मानक तकनीक मानी जाती है, जिसमें कोमल हाथों से पैर की स्थिति में सुधार किया जाता है तथा क्रमिक प्लास्टर कास्टिंग के माध्यम से विकृति को ठीक किया जाता है.
इस प्रक्रिया में बच्चों को सर्जरी की आवश्यकता काफी हद तक कम हो जाती है. प्रशिक्षण के दौरान चिकित्सकों को व्यवहारिक कास्टिंग तकनीक और सैद्धांतिक जानकारी दोनों प्रदान की गईं, जिससे झारखंड और आसपास के क्षेत्रों में बच्चों को बेहतर उपचार मिल सकेगा.
सदर अस्पताल के मुख्य आर्थोपेडिक सर्जन डॉ मोजम्मिल फिरोज ने इस प्रशिक्षण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह कार्यशाला उन्नत ऑर्थोपेडिक देखभाल और स्थानीय स्तर पर उपलब्ध उपचार के बीच की दूरी को कम करती है. उन्होंने बताया कि समय पर किया गया सही उपचार बच्चों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है.
कार्यक्रम में क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षकों और बाल स्वास्थ्य संगठनों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों पर भी प्रकाश डाला गया, जो शुरुआती निदान और स्थायी समाधान आधारित ऑर्थोपेडिक देखभाल को बढ़ावा देते हैं.
नई दिल्ली के सेंट स्टीफंस अस्पताल के डॉ मैथ्यू वर्गीस और एम्स नई दिल्ली के डॉ वेंकटेशन इस प्रशिक्षण के मुख्य प्रशिक्षक रहे. कार्यक्रम में सिविल सर्जन रांची डॉ प्रभात कुमार, उपाध्यक्ष डॉ बिमलेश सिंह डॉ ताबा रिजवी और डॉ वीरेंद्र सिंह भी उपस्थित रहे.
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