New Delhi : राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर आज शनिवार को दिल्ली स्थित भारत मंडपम में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला सहित गगनयान मिशन पर जाने वाले अन्य अंतरिक्षयात्री शामिल हुए.
#WATCH | Delhi: On the National Space Day, Prime Minister Narendra Modi says, "Today, India is rapidly advancing in breakthrough technologies like semi-cryogenic engines and electric propulsion. Soon, with the hard work of all you scientists, India will also soar with Gaganyaan… pic.twitter.com/2zq0pxObBn
— ANI (@ANI) August 23, 2025
#WATCH | Delhi: On the National Space Day, Prime Minister Narendra Modi says, "There was a time when futuristic sectors like space were bound by many restrictions in the country. We opened these shackles. We gave permission to the private sector in space tech, and today in the… pic.twitter.com/Zx9cnTQ4gW
— ANI (@ANI) August 23, 2025
#WATCH | Delhi: Group Captain Shubhanshu Shukla says, "I am so excited to you all so excited about what we are planning to do... Two years ago we did not have this celebration. Within one year, this is the excitement we have managed to build. We have some very big ambitions going… pic.twitter.com/QbV7x3qZSV
— ANI (@ANI) August 23, 2025
केंद्रीय विज्ञान और तकनीक मंत्री जितेंद्र सिंह और इसरो के चेयरमैन वी नारायणन ने भी कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए देशवासियों को दूसरे राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की बधाई दी.
पीएम मोदी ने कहा कि हम अंतरिक्ष में डॉकिंग और अनडॉकिंग की क्षमता रखने वाले दुनिया के चौथे देश भी बन गये हैं. 3 दिन पहले मैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से मिला था. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर तिरंगा फहराकर हर भारतीय को गर्व से भर दिया. वह क्षण, वह अनुभूति जब उन्होंने मुझे तिरंगा दिखाया, शब्दों से परे है.
ग्रुप कैप्टन शुभांशु के साथ मेरी चर्चा में, मैंने नये भारत के युवाओं के अपार साहस और अनंत सपनों को देखा है. इन सपनों को आगे बढ़ाने के लिए, हम भारत का अंतरिक्ष यात्री पूल भी तैयार करने जा रहे हैं.
आज भारत सेमी-क्रायोजेनिक इंजन और इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन जैसी सफल तकनीकों में तेज़ी से प्रगति कर रहा है. अंतरिक्ष क्षेत्र में एक के बाद एक नयी उपलब्धियां हासिल करना भारत और भारतीय वैज्ञानिकों का स्वभाव बन गया है. अभी दो साल पहले ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचकर इतिहास रचने वाला पहला देश बना था.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, एक समय था जब देश में अंतरिक्ष जैसे भविष्य के क्षेत्र अनेक प्रतिबंधों से बंधे थे. हमने इन बंधनों को खोला. हमने अंतरिक्ष तकनीक में निजी क्षेत्र को अनुमति दी और आज देश में 350 से ज़्यादा स्टार्ट-अप अंतरिक्ष तकनीक में नवाचार और तेज़ी के इंजन के रूप में उभर रहे हैं. इस काम में उनकी उपस्थिति भी दिखाई दे रही है.
पीएम ने कहा, निजी क्षेत्र द्वारा निर्मित पहला PSLV रॉकेट भी जल्द ही प्रक्षेपित किया जायेगा. मुझे खुशी है कि भारत का पहला निजी संचार उपग्रह भी बन रहा है. सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से, एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह समूह के प्रक्षेपण की भी तैयारी चल रही है.
मैंने 15 अगस्त के बाद से कई स्थितियों का ज़िक्र किया था जिनमें भारत का आत्मनिर्भर होना बहुत ज़रूरी है. मैंने हर क्षेत्र से अपने लक्ष्य निर्धारित करने को कहा है.
आज भारत सेमी-क्रायोजेनिक इंजन और इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन जैसी अभूतपूर्व तकनीकों में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. जल्द ही, आप सभी वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत से, भारत गगनयान के साथ उड़ान भरेगा और आने वाले समय में, भारत अपना स्वयं का अंतरिक्ष स्टेशन भी बनायेगा.
शुभांशु शुक्ला ने कहा कि मैं आप सभी के लिए बहुत उत्साहित हूं. हम जो करने की योजना बना रहे हैं, उसके लिए बहुत उत्साहित हूं. दो साल पहले हमारे पास यह उत्सव नहीं था. एक साल के भीतर, यह वह उत्साह है जिसे हम बनाने में कामयाब रहे हैं. हमारे पास आगे बढ़ने के लिए कुछ बहुत बड़ी महत्वाकांक्षाएं हैं.
गगनयान मिशन, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और अंततः चंद्रमा पर उतरना. इसके लिए यहां बैठे सभी बच्चों को उत्साहित होने की आवश्यकता हैय हमें आपकी आवश्यकता है. हमारी ऐसी बड़ी और साहसिक महत्वाकांक्षाओं को प्राप्त करने के लिए, हमें पूरे देश के संसाधनों की आवश्यकता है..यह उत्साह जो मैं यहां देख रहा हूं, इस कमरे तक सीमित नहीं है.
भारत के लिए यह उत्साह पूरी दुनिया में मौजूद है. जापानी और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसियां हमारे मिशन को लेकर बहुत अधिक उत्साहित हैं. जहां तक अंतरिक्ष अन्वेषण का संबंध है, यह हमारे देश के लिए स्वर्णिम काल है
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