Ranchi : नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि हेमंत सरकार में न तो आदिवासी समाज सुरक्षित है, न ही हमारे पूर्वजों और वीर शहीदों की प्रतिमाएं. आए दिन भारत माता के वीर सपूतों की मूर्तियों को तोड़ा जा रहा है.
कुछ दिन पहले सिद्धो-कान्हो की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया गया, और अब हजारीबाग के नीलांबर-पीतांबर चौक पर 1857 की क्रांति के वीर शहीदों की मूर्तियों से छेड़छाड़ कर आदिवासी अस्मिता का अपमान किया गया.
यहां तक कि आदिवासी परंपरा और संस्कृति के प्रतीक धनुष को भी तोड़ दिया गया. लेकिन अफसोस की बात यह है कि सरकार अपराधियों पर कार्रवाई करने के बजाय आदिवासी समाज की आवाज को ही दबा रही है.
पुलिस और प्रशासन जनता को प्रताड़ित करने में लगे हैं, जबकि गुंडों-माफियाओं को खुली छूट दी जा रही है. जब सरकार ही आदिवासी हितों की दुश्मन बन जाए, तो ऐसे में न्याय और सुरक्षा की उम्मीद आखिर किससे की जाए?
10 वर्षों में जो 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल में दूसरे सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि पीएम मोदी की सरकार के नेतृत्व में, पिछले 10 वर्षों में जो 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं. वही न्यू मिडिल क्लास आज भारत की ताकत है. उनके साथ पुराने मिडिल क्लास परिवारों के लिए भी ये दिवाली वास्तव में ‘डबल बोनस’ वाली साबित होने जा रही है.
सरल टैक्स व्यवस्था, स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर राहत, और जरूरी वस्तुओं की कीमतों में कमी इन सभी के लिये जीएसटी रिफार्म का प्रारूप केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों को भेज दिया गया है. पीएम ने आशा जतायी है कि सभी राज्य भारत के नागरिकों के जीवन को सुगम बनाने वाले इन रिफॉर्म्स में केंद्र सरकार का सहयोग करेंगे.




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