New Delhi : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज शुक्रवार को नयी दिल्ली में कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन-2025 का उद्घाटन किया. उन्होंने देश में बढ़ रही आर्थिक और भू-राजनीतिक अनिश्चितता के संदर्भ में ग्लोबल और भारतीय हितों पर पड़ने वाले प्रभाव पर चर्चा की.
निर्मला सीतारमण ने ट्रंप टैरिफ और भारतीय अर्थव्यवस्था पर वियार रखे. कहा कि भारत की क्षमता इस तरह के झटके झेलने के लिए मजबूत है.
मामला यह है कि अमेरिका ने भारत पर पहले 25फीसदी लगाया. इसे बढ़ा कर टैरिफ 50प्रतिशत कर दिया. डोनाल्ड ट्रंप यही नहीं रुके. उन्होंने H- 1B Visa की फीस बढ़ाकर 1 लाख डॉलर (करीब 88 लाख रुपये) कर दी.
ट्रंप ने फार्मा सेक्टर पर 100 फीसदी टैरिफ लगाये जाने की बात कही. इसी संदर्भ में निर्मला सीतारमण ने कहा कि भू-राजनीतिक संघर्षों के अलावा बैन और टैरिफ जैसी कार्रवाइयों के कारण ग्लोबल सप्लाई चेन में जो बदलाव आ रहे हैं, तो भारत मूकदर्शक बना नहीं रह रहेगा.
निर्मला सीतारमण ने भारत की मजबूत अर्थव्यस्था का हवाला देते हुए कहा कि वैश्विक उथल-पुथल के बावजूद भारत मजबूती है. हमारी आर्थिक क्षमता भी विकसित हो रही है. वित्त मंत्री ने कहा कि भारत अब जो भी करेगा, वह दुनिया में उसकी भविष्य की स्थिति को आकार देने वाला होगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत का लक्ष्य है कि वह साल 2047 तक विकसित भारत बने और इसके लिए 8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर बेहद जरूरी है. इस क्रम में निर्मला सीतारमण ने वैश्विक संस्था WTO, IMF आदि को कमजोर करार दिया. कहा कि वैश्विक संस्थाएं जैसे WTO, IMF आदि कमजोर हो रही हैं, जिससे वैश्विक विश्वास घट रहा है. इन संस्थानों में सुधार जरूरी है
निर्मला सीतारमण ने दुनिया की तमाम उभरती हुई अर्थव्यवस्था वाले देशों से आग्रह किया कि वे अपने ऊपर पड़ने वाले निर्णयों को आकार देने में अधिक सक्रिय भूमिका निभायें. उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसी दुनिया में जहां किसी दूसरे के फैसले हमारी नियति का निर्धारण करते हैं, हमें सक्रिय भागीदार के रूप में सामने आना होगा. हमें स्वायत्तता बनाये रखनी होगी.
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