Ranchi: प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) और राज्य सरकार के बीच अब एचईसी परिसर में जमीन आवंटन के मुद्दे पर कानूनी लड़ाई शुरू हुई है. ईडी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर 1.98 एकड़ जमीन के लिए 4.10 करोड़ रुपये जमा करने के बावजूद उसे जमीन ट्रांसफर करने में आनाकानी करने का आरोप लगाया है. साथ ही न्यायालय से जमीन ट्रांसफर करने का आदेश देने का अनुरोध किया है.
ईडी की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि उसे अपना क्षेत्रीय कार्यालय खोलने के लिए जमीन की जरूरत है. ईडी ने 2018 में राज्य सरकार से पांच एकड़ जमीन देने का अनुरोध किया था. ईडी के अनुरोध पर विचार करने के लिए सरकार ने एक समिति का गठन किया था. समिति ने ईडी को कार्यालय के लिए दो एकड़ जमीन देने पर सहमति जतायी थी.
ग्रेटर रांची डेवलपमेंट ऑथरिटी(GRDA) ने 2019 में भू-राजस्व विभाग के माध्यम से कमेटी द्वारा ईडी को दो एकड़ जमीन देने पर सहमति देने की जानकारी दी. इसके बाद रांची के उपायुक्त की ओर से मुड़मा में ईडी को देने के लिए 1.98 एकड़ जमीन चिह्नित किये जाने की जानकारी दी गयी.
जिला प्रशासन की ओर से ईडी को ट्रांसफर की जाने वाली जमीन की कीमत 3.91 करोड़ रुपये आंकी गयी. ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू करने के लिए जमीन की कीमत का 80 प्रतिशत यानी 3.12 करोड़ रुपये बतौर अग्रि सरकारी खजाने में जमा करने का निर्देश दिया गया.
जिला प्रशासन से मिले इस निर्देश के आलोक में ईडी ने 3.12 करोड़ के सरकारी खजाने में जमा कर दिया. साथ ही उपायुक्त को अग्रिम जमा करने की सूचना देते हुए जमीन ट्रांसफर करने की प्रक्रिया शुरू करने का अनुरोध किया.
लेकिन तीन साल बाद 2022 में उपायुक्त की ओर से ईडी को पत्र भेज कर जमीन के संशोधित मूल्य की जानकारी दी गयी और उसके अनुरूप 80 प्रतिशत अग्रिम जमा करने का निर्देश दिया गया.
उपायुक्त के इस पत्र में जमीन की कीमत 3.91 करोड़ के बदले 14.16 करोड़ रुपये बतायी गयी. इस संशोधित मूल्य के अनुरूप बतौर अग्रिम 11.33 करोड़ भुगतान का निर्देश दिया. जिला प्रशासन से जमीन का संशोधित मूल्य और अग्रिम जमा करने के निर्देश के बाद ईडी ने मुख्य सचिव को पत्र लिख कर इसकी जानकारी दी.
ईडी ने जमीन के संशोधित मूल्य का मनमाना बताया. साथ ही यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य द्वारा पहले बतायी गयी कीमत के आधार पर योजना की प्रशासनिक स्वीकृति दे दी.
ईडी द्वारा मुख्य सचिव से जमीन का मनमाना मूल्य निर्धारित करने की शिकायत के बाद 2023 में उपायुक्त की ओर से जमीन का मूल्य संशोधित करते हुए 4.10 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया. साथ ही ईडी को इसका 10 प्रतिशत यानी 3.28 करोड़ रुपये बतौर अग्रिम जमा करने का निर्देश दिया गया.
ईडी ने मार्च 2023 में जमीन की पूरी कीमत 4.10 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में जमा कर दी. लेकिन अब तक सरकार ने ईडी को जमीन ट्रांसफर नहीं किया है. इससे ईडी को अपने क्षेत्रीय कार्यलय भवन का निर्माण करना संभव नहीं हो रहा है.
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