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रायबरेली में दलित युवक के मारे जाने पर राहुल गांधी ने कहा, यह इंसानियत, संविधान और न्याय की हत्या है

 New Delhi :  रायबरेली में दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की निर्मम हत्या किये जाने को लेकर कांग्रेस ने  मोदी और योगी सरकार को घेरा है. कांग्रेस ने  इस मामले में एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि दलित युवक की हत्या सिर्फ़ एक इंसान की नहीं, इंसानियत, संविधान और न्याय की हत्या है.

 

 

 

आज भारत में दलित, आदिवासी, मुसलमान, पिछड़े और ग़रीब हर उस व्यक्ति को निशाना बनाया जा रहा है, जिसकी आवाज़ कमजोर है, जिसकी हिस्सेदारी छीनी जा रही है, जिसकी ज़िंदगी सस्ती समझी जाती है. राहुल गांधी ने कहा कि  देश में नफ़रत, हिंसा और भीड़तंत्र को सत्ता का संरक्षण मिला हुआ है.

 

संविधान की जगह बुलडोज़र ने ले ली है और इंसाफ़ की जगह डर ने. मैं हरिओम के परिवार के साथ खड़ा हूं  उन्हें न्याय ज़रूर मिलेगा.  भारत का भविष्य समानता और मानवता पर टिका है और यह देश चलेगा संविधान से, भीड़ की सनक से नहीं.  

 

 राज्य सभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने वक्तव्य जारी करते हुए कहा कि हमारे देश में एक संविधान है, जो हर इंसान को समानता के भाव से पहचानता है. एक कानून है, जो हर नागरिक की सुरक्षा, उसके अधिकार और उसकी अभिव्यक्ति को समान दर्जा देता है. रायबरेली में जो  हुआ, वह इस देश के संविधान के प्रति घोर अपराध है,  दलित समुदाय के प्रति अपराध है.  इस देश व समाज पर कलंक है.

 

श्री खड़गे ने कहा कि  देश में दलितों, अल्पसंख्यकों और ग़रीबों पर अपराध की संख्या हद से ज़्यादा बढ़ चुकी है.  यह हिंसा सबसे अधिक उन्हीं पर होती है जो वंचित हैं, बहुजन हैं, जिनकी न पर्याप्त हिस्सेदारी है, न प्रतिनिधित्व.

 

मल्लिकार्जुन खड़गे ने उदाहरण देते हुए कहा, चाहे हाथरस और उन्नाव में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध हों, रायबरेली में हरिओम की हत्या, या कुछ समय पहले, रोहित वेमुला की संस्थागत हत्या, मध्य प्रदेश में एक नेता द्वारा आदिवासी युवक पर पेशाब करने की अमानवीय घटना हो, यह निंदनीय है. 

 

इसके अलावा  खड़गे ने  ओडिशा और मध्य प्रदेश में दलितों की निर्मम पिटाई, या फिर हरियाणा के पहलू खान और उत्तर प्रदेश के अखलाक की हत्या को  लेकर कहा, हर घटना हमारे समाज, प्रशासन और सत्ताधारी शक्तियों की बढ़ती हुई संवेदनहीनता का दर्पण है.

 


उन्होंने आरोप लगाया कि  2014 के बाद से मॉब लिंचिंग, बुलडोज़र अन्याय और भीड़तंत्र जैसी प्रवृत्तियां हमारे समय की भयावह पहचान बन चुकी हैं.  हिंसा किसी भी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती इसलिए हरिओम के साथ जो हुआ, वह हमारी सामूहिक नैतिकता पर गहरा प्रश्न है.  

 

 

कांग्रेस पार्टी समाज के वंचित और कमजोर तबकों के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है.  हम नागरिकों से आह्वान करते हैं कि वे इस अन्याय के विरुद्ध एकजुट हों.  यह लड़ाई तब तक जारी रहनी चाहिए, जब तक हर भारतीय के अधिकारों और जीवन की गरिमा को पूर्ण सुरक्षा नहीं मिल जाती. 

 

 


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