New Delhi : कांग्रेस ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी के भारत पहुंचने को लेकर मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला है. कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि सिर्फ़ तीन माह पहले चीन ने पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पूरी सैन्य मदद दी थी.
चीनी विदेश मंत्री वांग यी आज भारत पहुँच रहे हैं।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 18, 2025
सिर्फ़ तीन महीने पहले ही चीन ने पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पूरी सैन्य मदद दी थी। इस दौरान उसने पाकिस्तान को J-10C लड़ाकू विमान, PL-15 एयर-टू-एयर मिसाइल सहित कई मिसाइल और ड्रोन उपलब्ध कराए। उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल… pic.twitter.com/xlfZyaGOSC
#WATCH | Delhi: Chinese Foreign Minister Wang Yi arrives in India on a visit on 18-19 August 2025, at the invitation of NSA Ajit Doval.
— ANI (@ANI) August 18, 2025
EAM Dr S Jaishankar will hold a bilateral meeting with Wang Yi. During his visit, Wang Yi will hold the 24th round of the Special… pic.twitter.com/ol0Gwg74J8
उसने पाकिस्तान को J-10C लड़ाकू विमान, PL-15 एयर-टू-एयर मिसाइल सहित कई मिसाइल और ड्रोन उपलब्ध कराये. जयराम रमेश ने लिखा कि उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह के अनुसार चीन ने पाकिस्तान को भारत के खिलाफ लाइव इंटेलिजेंस भी दी थी.
उन्होंने जुलाई 4 को दिये गये बयान में कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत जिन विरोधियों से लड़ रहा था, उनमें चीन भी शामिल था.
कांग्रेस सांसद ने लिखा कि चीन ने यारलुंग त्संगपो नदी पर 60 गीगावाट क्षमता वाले मेदोग बाँध का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है, जिसके निहितार्थ भारत के लिए अत्यंत गंभीर साबित हो सकते हैं.
लिखा कि स्पष्ट रूप से भारतीय सेना की यह इच्छा रही है कि अप्रैल 2020 की स्थिति को बहाल किया जाये, लेकिन सरकार ने अक्टूबर 2024 में चीन के साथ डिसएंगेजमेंट समझौता मान लिया, जिसके तहत अब भारतीय गश्ती दलों को देपसांग, देमचोक और चुशूल में अपने गश्ती बिंदुओं तक पहुंचने के लिए चीनी सहमति लेनी पड़ती है.
जयराम रमेश ने लिखा कि भारत ने गलवान, हॉट स्प्रिंग और पैंगोंग त्सो में बफर ज़ोन पर भी सहमति जताई है, जो भारत के दावे वाली रेखा के भीतर आते हैं. यह चीनी आक्रमण से पहले की यथास्थिति से कोसों दूर है.
भारत 19 जून, 2020 को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सार्वजनिक रूप से चीन को दी गयी (कुख्यात) क्लीन चिट की कीमत चुका रहा है, जब उन्होंने कहा था, न कोई हमारी सीमा में घुस आया है, न ही कोई घुसा हुआ है.
रमेश ने कहा, प्रधानमंत्री का यह बयान न केवल कायराना था, बल्कि इससे जून 2020 में गलवान में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिकों के बलिदान का भी अपमान हुआ.
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