New Delhi : अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाये जाने की खबर के बीच आज गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी दिल्ली में आयोजित एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल हुए.
#WATCH | Delhi: Prime Minister Narendra Modi says, "For us, the interest of our farmers is our top priority. India will never compromise on the interests of farmers, fishermen and dairy farmers. I know personally, I will have to pay a heavy price for it, but I am ready for it.… pic.twitter.com/W7ZO2Zy6EE
— ANI (@ANI) August 7, 2025
PM Narendra Modi (@narendramodi) posts, "Glad to have joined the centenary celebrations of Dr. MS Swaminathan. We are all committed to further popularising his works and ideals, especially to boost innovation and farmer welfare. The release of a commemorative coin and stamp is a… pic.twitter.com/SUHZDXzHTL
— Press Trust of India (@PTI_News) August 7, 2025
कल बुधवार को ट्रंप ने रूस से तेल खरीद से नाराज होकर भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगा दिया है. यानी भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया जा चुका है. अमेरिकी के इस कदम से विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है.
प्रधानमंत्री मोदी इस संबंध मे कहा कि भारत के किसानों का हित हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. कहा कि भारत किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के हितों से कभी भी समझौता नहीं कर सकता. श्री मोदी ने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से जानता हूं कि मुझे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं.
पीएम ने सम्मेलन में कृषि के क्षेत्र में स्वामीनाथन के योगदान को याद करते हुए किसानों के भविष्य, उनकी आय वृद्धि और हितों को लेकर केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता दोहरायी. उन्होंने भारत में कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रोफेसर स्वामीनाथन के योगदान को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी.
पीएम मोदी ने कहा कि हरित क्रांति के जनक माने जाने वाले डॉ. स्वामीनाथन ने कृषि उत्पादन तक सीमित नहीं रह कर बायोडायवर्सिटी और बायो-हैप्पीनेस जैसे विचारों के माध्यम से स्थानीय समुदायों को सशक्त किया. कहा कि डॉ. स्वामीनाथन मानते थे कि बायोडायवर्सिटी के जरिए स्थानीय लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आयेगा.
पीएम ने कहा कि डॉ स्वामीनाथन की स्मृति में एमएस स्वामीनाथन अवॉर्ड फॉर फूड एंड पीस की शुरुआत हुई है, जो विकासशील देशों के उन वैज्ञानिकों को प्रदान किया जायेगा, जिन्होंने खाद्य सुरक्षा की दिशा में उल्लेखनीय योगदान दिया है बता दें कि इस पुरस्कार के प्रथम विजेता नाइजीरिया के प्रोफेसर हैं.
प्रधानमंत्री ने देश को बताया कि भारत आज चावल, गेहूं, कपास, सब्जियां और मछली उत्पादन में दुनिया में अग्रणी स्थान पर है. सोयाबीन, मूंगफली, सरसों जैसी फसलों का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है. कहा कि यह द्श किसानों की मेहनत और सरकार की किसान-केंद्रित नीतियों का रिजल्ट है.
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