New Delhi : सरकारी एप संचार साथी को लेकर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर हमला बोल दिया है. विपक्षी नेता इसे दूसरा पेगासस करार दे रहे हैं, जासूसी एप बता रहे हैं. दरअसल भारत सरकार के दूरसंचार विभाग द्वारा विकसित यह एक मुफ्त एप है, जो साइबर सुरक्षा और टेलीकॉम फ्रॉड से निपटने के लिए बनाया गया है. इससे संदिग्ध कॉल की पहचान हो सकेगी.
Big Brother cannot watch us. This DoT Direction is beyond unconstitutional.
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) December 1, 2025
The Right to Privacy is an intrinsic part of the fundamental right to life and liberty, enshrined in Article 21 of the Constitution.
A pre-loaded government app that cannot be uninstalled is a… pic.twitter.com/kx33c7fmda
"Sanchar Saathi app voluntary, activation not mandatory; opposition unnecessarily making it an issue": Jyotiraditya Scindia
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"Will speak in debate in House": Lok Sabha LoP Rahul Gandhi on directive to pre-install Sanchar Saathi App
— ANI Digital (@ani_digital) December 2, 2025
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अहम बात यह है कि सरकार की मंशा या दूरसंचार विभाग के दावे को दरकिनार करते हुए विपक्ष इसे सीधे निजता का उल्लंघन, जासूसी की कोशिश सहित जनता के अधिकारों का उल्लंघन करार दे रहा है. जानकारी के अनुसार साल 2023 में यह वेब पोर्टल के रूप में शुरू हुआ था. 17 जनवरी 2025 को एंड्रॉयड व iOS के लिए ऐप के रूप में इसे लॉन्च किया गया. बताया गया है कि वर्तमान में इसके 5 करोड़ से अधिक डाउनलोड हैं.
खबर है कि दूरसंचार विभाग (DoT) ने मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को आदेश दिया है कि वह सभी नये स्मार्टफोन के अंदर संचार साथी एप को निश्चित रूप से प्री इंन्स्टॉल करे. दावा है कि यह साइबर ठगी रोकने, चोरी के फोन खोजने, फेक सिम को रोकने और फर्जी IMEI पर अंकुश लगाने के लिए आवश्यक कदम है
दूरसंचार विभाग ने 1 दिसंबर, 2025 को निर्देश जारी कर कहा है कि मार्च 2026 से सभी नये स्मार्टफोन्स में यह ऐप प्री-इंस्टॉल होगा. पुराने फोन में इसे सॉफ्टवेयर अपडेट से जोड़ा जाना है. अहम बात यह है कि इस ऐप को अनइंस्टॉल या डिसेबल नहीं किया जा सकेगा. जानकारी दी गयी है कि इस एप की मदद से अक्टूबर 2025 में 50,000 से ज्यादा चोरी हुए फोन रिकवर किये जा चुके हैं
इस मामले में कांग्रेस नेता केंद्र सरकार के उस फरमान के खिलाफ आपत्ति जता रहे हैं, जिसमें मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियों को आदेश दिया गया है कि वे स्मार्टफोन के अंदर संचार साथी एप को निश्चित रूप से प्री इंन्स्टॉल करें. राहुल गांधी ने मामले को संसद में उठाने की बात कही है,
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने इस एप को पेगासस प्लस प्लस करार दिया है. याद करें कि पेगासस को लेकर पूर्व में विपक्ष और मोदी सरकार में ठन गयी थी. मामला कोर्ट में चला गया था. पेगासस के बारे में जान लें कि यह इजरायली कंपनी NSO Group द्वारा बनाया गया अत्यधिक शक्तिशाली जासूसी सॉफ्टवेयर है. पेगासस किसी के भी फोन में बिना यूजर के कुछ किये इंट्री मार सकता हैं.
कोई लिंक क्लिक करने या ऐप डाउनलोड किये बिना यह किसी के फोन में घुस सकता है. यह इतना शक्तिशाली ऐप है कि यह कॉल, मैसेज, ईमेल, फोटो, लोकेशन, माइक्रोफोन और कैमरा सब कुछ चुपके से रिकॉर्ड कर सकता है. साथ ही व्हाट्सएप, टेलीग्राम, सिग्नल जैसे एन्क्रिप्टेड ऐप्स को भी हैक करने में सक्षम है.
कांग्रेस महासचिव और सांसद केसी वेणुगोपाल के तेवर तल्ख करते हुए कहा कि यह बिग ब्रदर हमारे फोन में घुस जायेगा हमारी निजी जिंदगी में ताक-झांक करेगा. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, बिग ब्रदर हम पर नजर नहीं रख सकता.
टेलिकॉम मंत्रालय का यह निर्देश पूरी तरह से गैर-कानूनी है. आरोप लगाया कि यह किसी की निजता पर केंद्र सरकार का हमला है. लोगों की मदद के बहाने भाजपा सरकार लोगों की निजता पर हमला कर रही है. कहा कि हमलोग देश में पेगासस के अनुभव को देख चुके हैं. सरकार देश लोगों की निगरानी करना चाह रही है.
कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार पेगासस लायी. सांसदो और विधायकों सबने कहा कि फ़ोन टैप किये जा रहे हैं. रेणुका चौधरी ने आरोप लगाया रि पिछले 11 सालों से भारतीयों के मौलिक अधिकार छीने जा रहे हैं.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अलग रुख अपनाते हुए एप को फायदेमंद करार दिया. लेकिन कहा कि इसका इस्तेमाल वैकल्पिक किया जाये. उनके अनुसार कॉमन सेंस कहता है कि ये ऐप्स काम के हो सकते हैं, बशर्ते ये अपनी मर्ज़ी से हों. जिन्हें भी लगे कि इनकी ज़रूरत है, वे इसे डाउनलोड कर सकें.
कहा कि डेमोक्रेसी में किसी भी चीज को जरूरी बनाना परेशान करने वाला है. मुझे सरकार के लॉजिक को और देखना होगा. सरकार को मीडिया रिपोर्ट के ज़रिए सिर्फ़ ऑर्डर पास करने के बजाय जनता को सब कुछ समझाना चाहिए.
केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संचार साथी एप को लेकर सफाई दी है, उन्होंने जासूसी करने की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि इससे किसी तरह की कोई जासूसी नहीं की जायेगी. यह किसी तरह की कॉल मॉनिटरिंग नहीं है. कहा कि अगर आप चाहते हैं तब इसे एक्टिवेट कीजिए.
अगर आप नहीं चाहते हैं तो एक्टिवेट मत करिए. उन्होंने कहा कि अगर डिलीट करना चाहते हैं, तो ऐप को डिलीट भी कर सकते हैं. यह मैंडेटरी नहीं है. सिंधिया ने कहा कि ऐप पूरी तरह वॉलंटरी है सिंधिया ने कहा कि इस ऐप का उद्देश्य सिर्फ लोगों को डिजिटल धोखाधड़ी से बचाना है.
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