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DSPMU रजिस्ट्रार के कार्याकाल विस्तार का विरोध, आदिवासी छात्र संघ ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

Ranchi :   डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (डीएसपीएमयू) की रजिस्ट्रार डॉ. नमिता सिंह के कार्यकाल विस्तार के विरोध में आदिवासी छात्र संघ ने सोमवार को राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा.  संघ ने मांग की कि डॉ. नमिता सिंह को कोई एक्सटेंशन न दिया जाए. साथ ही उनके पूरे कार्यकाल की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए. बता दें कि डॉ नामिता सिंह का डीएसपीएमयू के रजिस्ट्रार के रूप में चार वर्ष का कार्यकाल 25 जून को समाप्त हो रहा है. लेकिन सेवा विस्तार दिये जाने से वे अगले आदेश तक इस पद पर बनी रहेंगी.

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शिक्षण कार्य में लौटाने की मांग

छात्र नेताओं ने ज्ञापन में कहा है कि डॉ. सिंह मूलतः विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं. जबकि विभाग में पहले से शिक्षकों की भारी कमी है. उन्हें प्रशासनिक दायित्व से मुक्त कर शिक्षण कार्य में लौटाया जाना चाहिए, ताकि छात्र सीधे उनके शैक्षणिक अनुभव का लाभ उठा सकें.

 

पूर्व कुलपति ने रजिस्ट्रार के कार्यकाल विस्तार का रखा था प्रस्ताव

ज्ञापन में यह भी कहा गया कि पिछले कार्यकाल के दौरान रजिस्ट्रार और तत्कालीन कुलपति डॉ. तपन शांडिल्य पर कई वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे थे. इन मामलों की अब तक कोई निष्पक्ष जांच नहीं हुई है. छात्र संघ ने इस पूरे कार्यकाल की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि पूर्व कुलपति, जिन्हें हाल ही में राज्यपाल ने पद से हटाया है, ने ही सिंडिकेट बैठक में रजिस्ट्रार के कार्यकाल विस्तार का प्रस्ताव रखा था. छात्रों के विरोध के बाद यह प्रस्ताव वापस लेना पड़ा था. 

 

विश्वविद्यालय परिसर को अनिश्चितकालीन तक बंद करने की चेतावनी  

छात्र संघ ने चेतावनी दी है कि अगर डॉ. सिंह को कार्यकाल विस्तार दिया गया, तो आदिवासी छात्र संघ विश्वविद्यालय परिसर को अनिश्चितकालीन बंद करने पर बाध्य होगा. 

 

शिक्षण के बजाय प्रशासनिक जिम्मेदारी देना तर्कसंगत नहीं 

रांची विश्वविद्यालय के कार्यकारी अध्यक्ष दया बहुरा ने कहा कि भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों की अनदेखी कर रजिस्ट्रार को पद पर बनाए रखना छात्रहित और विश्वविद्यालय की साख दोनों के खिलाफ होगा.  डीएसपीएमयू इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष बादल भोक्ता ने भी कहा कि भौतिकी विभाग में पांच पद रिक्त हैं. ऐसे में शिक्षण के बजाय प्रशासनिक जिम्मेदारी देना न तो छात्रहित में है और न ही तर्कसंगत है. 

 

ज्ञापन सौंपते समय ये छात्र नेता रहे मौजूद  

ज्ञापन देने के दौरान संघ के कार्यकर्ता दया बहुरा, बादल भोक्ता, राकेश रोशन, सुनील सोरन और वसीम अंसारी सहित कई छात्र नेता उपस्थित थे. उन्होंने राज्यपाल से मामले की गंभीरता से लेते  हुए रजिस्ट्रार विस्तार रोकने और निष्पक्ष जांच शुरू करने की अपील की. राजभवन द्वारा इस पर शीघ्र निर्णय लिए जाने या संबंधित विभाग को निर्देश दिए जाने की संभावना है. हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अब तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.