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एसआईआर पर चर्चा नहीं करने को लेकर विपक्ष का संसद से वॉकआउट, गरीबों, दलितों और अल्पसंख्यकों के वोट हटाये जाने का आरोप

New Delhi :  विपक्ष ने आज एसआईआर मुद्दे को सेकर संसद से वॉकआउट किया. सदन का बायकॉट किये जाने को लेकर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि आज सत्र के चौथे सप्ताह का आखिरी दिन है. हमने सदन में एसआईआर मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की मांग की थी. वह नहीं मानी जा रही.

 

 

 

 


प्रमोद तिवारी ने कहा कि कल 300 सांसदों को चुनाव आयोग जाने की अनुमति नहीं दी गयी. उन्हें हिरासत में लेकर संसद पुलिस थाने में बिठाये रखा गया.  हमारी गैर मौजूदगी मे  सरकार लोकसभा में विधेयक पारित कर रही है, यह हमारे संसदीय विशेषाधिकार का स्पष्ट उल्लंघन है. 

 

 कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बायकॉट किये जाने को लेकर कहा कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के नाम पर 65 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिये गये हैं।. यह संख्या 80-90 लाख तक जा सकती है. कहा कि असम और पश्चिम बंगाल में भी यही प्रक्रिया अपनाई जा रही है.  

 

 

सुरजेवाला ने कहा, अंततः यह पूरे देश में लागू होगा, इसलिए लोगों को एक व्यक्ति, एक वोट का अधिकार नहीं रहेगा. केवल भाजपा और चुनाव आयोग द्वारा अनुमोदित लोगों को ही वोट देने की अनुमति होगी, जबकि गरीबों, दलितों और अल्पसंख्यकों के वोट हटा दिये जायेंगे? फिर संसद का क्या मतलब है?

 

 

 

कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला  ने कहा, हम सदन से वॉकआउट कर गये क्योंकि खड़गे जी ने कहा कि सदन में फर्जी मतदाताओं और असली मतदाताओं को हटाए जाने पर कोई चर्चा नहीं हो रही है.राजीव शुक्ला  ने कहा, हम इन सभी अत्याचारों पर चर्चा चाहते थे.  सरकार चुनाव आयोग के फर्जीवाड़ा पर चर्चा नहीं कर रही है.  इसीलिए हम वॉकआउट कर गये.  

 

 

राजद नेता मनोज झा ने वॉकआउट किये जाने को लेकर काह कि कहा कि हम 'वोट चोर, गद्दी छोड़' कहते हुए राज्यसभा से बाहर निकले, पूरे विपक्ष की यही राय है कि यह(एसआईआर) लोगों को शामिल करने के लिए नहीं, बल्कि उन्हें बाहर करने के लिए है, अब कई सबूत मौजूद हैं. 

 

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