Ranchi : अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के उपलक्ष्य में झारखंड जन अधिकार महासभा, पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज, आदिवासी विमेंस नेटवर्क, AIPWA एवं अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा अल्बर्ट एक्का चौक में राज्य एवं केंद्रीय द्वारा मानव अधिकार के उल्लंघन के खिलाफ प्रदर्शन किया गया.
इसमें संगठन के सदस्यों के साथ आदिवासी समुदाय के लोग भी शामिल हुए. सभी ने राज्य और केंद्र सरकार पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाए.
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि आदिवासी क्षेत्रों में विस्थापन, जबरन खनन और जबरन कैंप निर्माण बढ़ गया है, जिससे लोगों में डर और असुरक्षा बढ़ रही है. उनका आरोप है कि कॉर्पोरेट कंपनियों के हित में आदिवासी जमीनों पर कब्जे का दबाव बनाया जा रहा है.
प्रदर्शन के दौरान कई लोगों ने सोनम वांगचुक और उमर खालिद की रिहाई की भी मांग की. उन्होंने कहा कि आदिवासियों को नक्सली बताकर कार्रवाई करना गलत है और विचाराधीन आदिवासी कैदियों को रिहा किया जाना चाहिए. साथ ही UAPA जैसे दमनकारी कानूनों को खत्म करने की मांग भी उठाई गई.
उनका कहना है कि आदिवासी समुदाय विकास चाहता है, लेकिन जबरन विस्थापन और मनमाने खनन प्रोजेक्टों को वह स्वीकार नहीं करेगा. कई गांवों के पास बिना सहमति के सुरक्षा कैंप बनाए जा रहे हैं, जिससे लोग डरे हुए हैं.
उन्होंने सरकार से अपील की कि आदिवासी समुदाय की राय और पारंपरिक अधिकारों का सम्मान किया जाए और उनकी समस्याओं का समाधान निकाला जाए.
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