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झारखंड में संगठित अपराध पर लगाम, 5 गिरोह के सरगना जेल में, 2 ढेर, 3 अब भी फरार

Ranchi :  झारखंड में हाल के महीनों में संगठित अपराध (organized crime) में उल्लेखनीय कमी आई है, जिसका मुख्य कारण पुलिस और झारखंड एटीएस (एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड) की लगातार और प्रभावी कार्रवाई है. कभी पुलिस के लिए चुनौती रहे आपराधिक गिरोह अब बैकफुट पर हैं.

 

राज्य के नौ जिलों में सक्रिय कुल 10 प्रमुख आपराधिक गिरोहों, जिनमें कुल 633 अपराधी शामिल हैं, की गतिविधियों में भारी गिरावट दर्ज की गयी है. हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, पांच गिरोह के सरगनाओं को जेल भेजा जा चुका है. जबकि 2 की मुठभेड़ में मौत हो चुकी है. हालांकि 3 गैंग लीडर अभी भी फरार चल रहे हैं. 

 

इन आपराधिक गिरोहों का नेटवर्क रांची, हजारीबाग, पलामू, रामगढ़, चतरा, लातेहार, गढ़वा, धनबाद और जमशेदपुर तक फैला हुआ है. लेकिन पुलिस और एटीएस की संयुक्त कार्रवाई से इन गैंगों की कमर टूट गई है. 

 

 

 गिरोह के सरगनाओं की स्थिति : 

- पांच गिरोह के सरगना जेल में बंद 

- दो गिरोह के सरगना मुठभेड़ में ढेर 

- तीन गिरोह के सरगना अभी भी फरार 

 

प्रमुख गिरोह और उनके सरगनाओं की स्थिति :

- अमन साहू गिरोह (162 सदस्य) : राज्य का सबसे बड़ा आपराधिक गिरोह,  रांची, रामगढ़, हजारीबाग, चतरा, लातेहार, पलामू और गढ़वा सहित कई जिलों में सक्रिय, सरगना पुलिस मुठभेड़ में मारे गया,

- पांडेय गिरोह (54 सदस्य) : रामगढ़, हजारीबाग, चतरा और पलामू में सक्रिय

- अखिलेश सिंह गिरोह (30 सदस्य) : मुख्य रूप से जमशेदपुर में सक्रिय 

- श्रीवास्तव गिरोह (52 सदस्य) :  रांची, रामगढ़, हजारीबाग, चतरा और लातेहार में सक्रिय,  सरगना जेल में

- प्रिंस खान गिरोह (108 सदस्य) : धनबाद में सक्रिय, सरगना फरार. 

- अमन सिंह गिरोह (58 सदस्य) :  धनबाद में गिरोह की पैठ, सरगना फरार

- सुजीत सिन्हा गिरोह (46 सदस्य) :  पलामू, गढ़वा, लातेहार और रांची में सक्रिय

- डब्लू सिंह गिरोह (38 सदस्य) :  पलामू, लातेहार, गढ़वा और रांची में देता है गतिविधियों को अंजाम

- लव कुश शर्मा गिरोह (28 सदस्य) : विशेष रूप से रांची में सक्रिय 

- राहुल सिंह गिरोह (7 सदस्य) :  लातेहार में सीमित सक्रियता 

 

पुलिस और एटीएस की सफलता

झारखंड एटीएस द्वारा हाल के महीनों में की गई ठोस कार्रवाईयों की वजह से इन संगठित आपराधिक गिरोहों की कमर तोड़ दी है. लगातार दबाव और धरपकड़ के कारण ही राज्य में संगठित अपराध की घटनाओं में कमी दर्ज की गई है, जिससे राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार आया है.