- ओवैसी ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर चिंता जाहिर की
- भारत-बांग्लादेश के रिश्तों को मजबूत करने के लिए उठाए जा रहे कदमों का समर्थन किया
Lagatar Desk : बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों खासकर हिंदुओं पर हिंसा जारी है. कट्टरपंथियों ने अब तक दो हिंदुओं दीपू चंद्र दास और अमृत मंडल की हत्या कर दी है. AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे हमले की कड़ी निंदा की और इसे लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ बताया है. साथ ही उन्होंने भारत में हो रही हिंसाओं पर भी चिंता जताई है.
#WATCH | Hyderabad, Telangana: AIMIM MP Asaduddin Owaisi says, "As far as our party is concerned, we condemn what happened to Deepu Chandra Das and Amrit Mandal, and we support whatever steps the Government of India is taking to ensure that the relationship with Bangladesh… pic.twitter.com/4YPK75Dnb2
— ANI (@ANI) December 29, 2025
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बांग्लादेश सरकार की जिम्मेदारी
असदुद्दीन ने कहा कि उनकी पार्टी बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास और अमृत मंडल की हत्या की कड़े शब्दों में निंदा करती है. साथ ही उन्होंने भारत सरकार द्वारा भारत-बांग्लादेश संबंधों को मजबूत करने के लिए उठाए जा रहे कदमों का समर्थन भी किया.
ओवैसी ने कहा कि बांग्लादेश की स्थापना धर्मनिरपेक्ष बांग्ला राष्ट्रवाद के विचार पर हुई थी और वहां करीब दो करोड़ लोग ऐसे हैं, जो मुस्लिम नहीं हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश की सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी.
आगे कहा कि जो घटनाएं सामने आ रही हैं, वे बांग्लादेश के अपने संवैधानिक दायित्वों के खिलाफ हैं और उन्हें रोका जाना चाहिए.
भारत विरोधी ताकतें बांग्लादेश की स्थिति का उठा सकते हैं फायदा
AIMIM सांसद ने यह भी कहा कि बांग्लादेश में शांति और स्थिरता भारत की सुरक्षा, खासकर पूर्वोत्तर राज्यों के लिए बेहद अहम है. ओवैसी ने उम्मीद जताई कि आगामी चुनावों के बाद दोनों देशों के रिश्ते और बेहतर होंगे. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि ISI, चीन और भारत विरोधी ताकतें बांग्लादेश में हैं और वे वहां की स्थिति का फायदा उठा सकते हैं.
देश के हालात पर भी उठाए सवाल
ओवैसी ने भारत में हो रही हिंसाओं पर भी चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो हो रहा है, वह गलत है, लेकिन भारत के अंदर हो रही घटनाओं को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
उन्होंने ओडिशा के संबलपुर में एक मजदूर की हत्या और उत्तराखंड में MBA छात्र एंजेल चकमा की मौत का जिक्र करते हुए कहा कि ये घटनाएं कानून व्यवस्था के कमजोर होने का संकेत हैं.
ओवैसी ने कहा कि जब कानून का शासन कमजोर पड़ता है और बहुसंख्यक आधारित राजनीति हावी हो जाती है, तो ऐसी घटनाएं सामने आती हैं. ओवैसी ने जोर देकर कहा कि हर तरह की हिंसा और मॉब लिंचिंग की सख्त निंदा होनी चाहिए.
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