Medininagar : पलामू जिले के पांकी में झोलछाप डॉक्टर की लापरवाही से नौ साल के एक बच्चे की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि बच्चे की मौत दवा और इंजेक्शन का ओवरडोज देने से हुई है. घटना के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया और भागने की कोशिश कर रहे डॉक्टर को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया. बच्चा पांकी के मंझौली निवासी वीरेंद्र कुमार का पुत्र आदर्श कुमार था.
बच्चे के चाचा राजेश कुमार सिंह ने बताया कि आदर्श को शुक्रवार की शाम बुखार की शिकायत के बाद अस्पताल चलाने वाले डॉ. इस्लाम अंसारी के पास ले जाया गया. डॉक्टर ने बच्चे को इंजेक्शन लगाया, कुछ दवाएं दीं और खून की जांच की. जांच में मलेरिया बताया गया. इंजेक्शन और दवा देने के बाद बच्चे को अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई थी.
रात में बिगड़ी तबीयत, हांफने लगा बच्चा
शाम होते-होते आदर्श की हालत अचानक खराब होने लगी. परिजनों ने डॉक्टर से दोबारा संपर्क किया, जिस पर डॉक्टर ने धीरे-धीरे स्थिति सुधरने की बात कही. लेकिन रात करीब 12 बजे बच्चे की तबीयत बुरी तरह बिगड़ गई. वह तेजी से हांफने लगा और बेहोशी जैसी स्थिति में पहुंच गया. घबराए परिजन उसे तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने बताया कि बच्चे की मौत दवा की ओवरडोज देने के कारण हुई है.
परिजनों ने झोलाछाप डॉक्टर को घर से पकड़ा
बच्चे की मौत के बाद आक्रोशित परिजन इलाज करने वाले झोलाछाप डॉक्टर के घर पहुंचे और वहां से भाग रहे डॉक्टर को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. बच्चे के शव का पोस्टमॉर्टम एमएमसीएच में कराया गया. परिजनों ने प्रशासन से झोलाछाप डॉक्टर पर सख्त कार्रवाई करने, उचित मुआवजा दिलाने अवैध क्लिनिक को बंद करने की मांग की. परिजनों ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में दर्जनों ऐसे अवैध क्लिनिक चल रहे हैं. इन्हें शिकायत मिलने के बाद सील तो किया जाता है, परंतु बाद में खोल दिया जाता है.
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