Medininagar : झारखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति व पलामू के सिविल सर्जन के निर्देशन में बुधवार को कॉलेजों में एचआईवी जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम आईसीटीसी व फर्ज लक्षित परियोजना के सहयोग से योध सिंह नामधारी महिला कॉलेज व जेएस कॉलेज में हुआ.योध सिंह नामधारी महिला कॉलेज में कार्यशाला की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. सीमा कुमारी ने की, जबकि जेएस कॉलेज में कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. अजय कुमार पासवान ने किया. आईसीटीसी काउंसिलर चंदन प्रभाकर, एसटीआई काउंसिलर तनुजा सिन्हा, फर्ज की सचिव स्वर्ण लता रंजन व समाजसेवी मोहम्मद हशमत रब्बानी ने छात्र-छात्राओं को एचआईवी के कारणों, लक्षणों और बचाव के उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
फर्ज की सचिव स्वर्ण लता रंजन ने कहा कि एचआईवी संक्रमण के चार मुख्य कारण हैं. जिनमें असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित रक्त का प्रयोग, संक्रमित सुई का उपयोग और संक्रमित मां से बच्चे में संक्रमण का प्रसार शामिल है. इसके अलावा अन्य किसी कारण की प्रमाणिकता नहीं मिली है. आईसीटीसी काउंसलर चंदन प्रभाकर ने कहा कि एचआईवी से संक्रमित होने पर तुरंत एआरटी केंद्र से जुड़ना चाहिए ताकि समय पर इलाज संभव हो सके. एसटीआई काउंसिलर तनुजा सिन्हा ने कहा कि प्रजनन संक्रमण और यौन संचारित रोगों से बचने के लिए सतर्कता जरूरी है.
समाजसेवी मो. हशमत रब्बानी ने कहा कि जैसे कोरोना से बचाव के लिए मास्क, बारिश में भीगने से बचने के लिए छतरी और सड़क सुरक्षा के लिए हेलमेट जरूरी है, उसी प्रकार एचआईवी से बचाव के लिए कंडोम का उपयोग उतना ही आवश्यक है. एचआईवी वायरस से एड्स फैलता है. वहीं, बैक्टीरिया से टीबी होता है. दोनों बीमारियां मृत्यु दर को बढ़ा रही हैं. इसलिए एचआईवी और टीबी की रोकथाम के लिए सभी विभागों को समन्वय से कार्य करना चाहिए.
कार्यशाला में दोनों कॉलेजों में सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. कार्यक्रम में प्रो. तृप्ति कुमारी, डॉ. किरण कुमारी, प्रो. बर्नार्ड टोप्पो, मशरीक जहां, डॉ. मिनी टुडू, डॉ. सुप्रिया सोनालिका समेत अन्य शिक्षक व कर्मचारी उपस्थित थे.
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