35% लाइटें खराब, रात के अंधेरे में दुर्घटना व चोरी का खतरा
Rewati Raman
Medininagar : मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट व्यवस्था बदहाल है. शहर की सड़कों पर रात के अंधेरे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. निगम क्षेत्र में कुल 7000 स्ट्रीट लाइटें हैं, जिनमें करीब 65 प्रतिशत ही जल रही हैं. बाकी 35 प्रतिशत लाइटें खराब हैं. कई वार्डों में अंधेरा पसरा रहता है. इससे लोगों की सुरक्षा पर भी खतरा बना रहता है.
नगर निगम क्षेत्र में वर्तमान में 18000 बिजली के पोल हैं. इन पोलों पर लाइट लगाने का कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है.पिछले पांच महीनों में केवल 300 नई लाइटें लगाई जा सकी हैं. जो शहर की आबादी और क्षेत्रफल को देखते हुए ऊंट के मुंह में जीरा के समान है.
मुख्य मार्गों पर लगी हैं 340 डेकोरेटिव लाइटें
शहर की सुंदरता बढ़ाने और प्रमुख मार्गों को रोशन करने के उद्देश्य से हाल ही में 340 डेकोरेटिव लाइटें लगाई गई हैं. ये लाइटें छह मुहान से बीसफुटा तक और छह मुहान से चैनपुर थाना तक के मार्गों पर लगाई गई हैं. निगम का कहना है कि भविष्य में ऐसी डेकोरेटिव लाइटें शहर के सभी मुख्य मार्गों पर लगाने की योजना है, ताकि शहर की छवि बेहतर हो सके.
शहर को चाहिए 11 हजार और स्ट्रीट लाइटें
शहर की सड़कों, गलियों और मोहल्लों को पूरी तरह रोशन करने के लिए कम से कम और 11000 स्ट्रीट लाइटों की आवश्यकता है. इन लाइटों के लगने से अंधेरे वाले क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ेगी और अपराध में भी कमी आएगी.
मरम्मत के लिए हैं तीन टीमें
खराब लाइटों की मरम्मत का कार्य लगातार जारी है. इसके लिए तीन विशेष टीमें गठित की गई हैं, जो रोजाना दो वार्डों में लाइटों की जांच और मरम्मत का काम करती हैं. निगम का दावा है कि हर वार्ड में खराब लाइटों को जल्द ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन संसाधनों की कमी और तकनीकी बाधाओं के कारण काम की गति कुछ धीमी है.
लोगों में बढ़ रही नाराजगी
स्थानीय लोगों का कहना है कि कई इलाकों में महीनों से लाइटें खराब हैं, परंतु अब तक उनकी मरम्मत नहीं की गई है. अंधेरे में सड़क हादसे और चोरी का खतरा बढ़ गया है. शहर के लोगों ने निगम से मांग की है कि खराब लाइटों की मरम्मत जल्द कराई जाए. बाकी लाइटें भी लगाई जाएं, ताकि शहर का हर इलाका रोशन हो सके.
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