Medininagar : मेदिनीनगर. पलामू सिविल सर्जन डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि मधुमेह और इससे जुड़ी जटिल बीमारियों से सावधान रहने की जरूरत है. क्योंकि मधुमेह केवल शुगर बढ़ने की बीमारी नहीं है, बल्कि यह पूरे शरीर को प्रभावित करने वाला विकार है. इससे हृदय, किडनी, आंख और नसों से संबंधित गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. सिविल सर्जन विश्व मधुमेह दिवस पर अपने कार्यालय में मीडिया से बात कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि इस आयु के बाद मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है. इसके लिए स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित भोजन और नियमित शारीरिक गतिविधियां अत्यंत आवश्यक है. मधुमेह के प्रमुख लक्षणों में बार-बार पेशाब लगना, अत्यधिक प्यास लगना, मुंह और गला सूखना, थकान, कमजोरी, चक्कर आना, वजन में अचानक कमी,घाव का देर से भरना है. इन लक्षणों को हल्के में न लेकर तुरंत शुगर की जांच करानी चाहिए.
सिविल सर्जन ने बताया कि अनियंत्रित शुगर कई जानलेवा जटिलताओं का कारण बन सकती है. जिनमें हृदय रोग, किडनी फेल्योर, आंखों की रोशनी कम होना, नसों की कमजोरी, घाव भरने में देर लगना, इन्फेक्शन बढ़ जाना, त्वचा और दांतों की समस्याएं, इन्फेक्शन बार-बार होना, मसूड़ों का सूजन और त्वचा रोग भी बढ़ने लगते हैं.
उन्होंने कहा कि मधुमेह की रोकथाम के लिए रोजाना 30-45 मिनट चलें या व्यायाम करें, तला-भुना, मीठा और अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट से परहेज करें, वजन नियंत्रित रखें, समय-समय पर शुगर की जांच कराएं, तनाव कम करें और पर्याप्त नींद लें. प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुखराम बाबू, बीटीटी सीमा तिवारी, सांख्यिकी सहायक विजय कुमार समेत स्वास्थ्य विभाग के कई पदाधिकारी उपस्थित रहे.
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