- 2026 में भारत करेगा AI समिट आयोजित
Lagatar Desk : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साउथ G20 समिट में हिस्सा लेने के बाद सोमवार सुबह साउथ अफ्रीका से वापस दिल्ली लौट आए. PM मोदी ने जोहान्सबर्ग में 22 और 23 नवंबर को हुए इस सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण बैठकों व सेशनों में भाग लिया और कई देशों के नेताओं से मुलाकात की.
PM Modi returns to Delhi after concluding G20 Summit in South Africa
— ANI Digital (@ani_digital) November 24, 2025
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G20 डिक्लेरेशन पास
अमेरिका के बॉयकॉट करने के बावजूद बाकी देशों ने मिलकर G20 डिक्लेरेशन को मंजूरी दे दी. इस 122 पॉइंट वाले डॉक्यूमेंट में दुनिया के साथ मिलकर विकास, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक सुधार (reforms) पर काम करने पर सहमति जताई गई.
इटली की PM मेलोनी से खास मीटिंग
PM मोदी ने इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ भी खास मीटिंग की. दोनों नेताओं ने आतंकवाद की फंडिंग रोकने के लिए एक संयुक्त पहल चलाने का फैसला लिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि दोनों देशों ने व्यापार, निवेश, तकनीक, AI, रक्षा और सुरक्षा, स्पेस और रिसर्च जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर बात की. दोनों नेताओं ने 2025–29 के संयुक्त एक्शन प्लान की प्रगति पर भी संतोष जताया. इटली ने 2026 में भारत में होने वाले AI समिट का भी समर्थन किया.
भारत का AI मॉडल इन बातों पर आधारित
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया को ऐसा भविष्य बनाना चाहिए, जो सबके लिए न्यायपूर्ण और सुरक्षित हो. उन्होंने बताया कि क्रिटिकल मिनरल्स और AI (Artificial Intelligence) जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. उन्होंने दोहराया कि भारत मानव-केंद्रित और सबको साथ लेकर चलने वाली तकनीक को बढ़ावा देता है
PM मोदी ने बताया कि भारत का AI मॉडल तीन बातों पर आधारित है. पहला सबके लिए टेक्नोलॉजी की पहुंच, दूसरा बड़ी आबादी को AI की ट्रेनिंग देना और तीसरा जिम्मेदारी से AI का उपयोग करना.
उन्होंने AI के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए दुनिया भर में एक ग्लोबल समझौते की जरूरत बताई, जिसमें डीपफेक, साइबर क्राइम और आतंकवाद जैसी समस्याएं शामिल हों.
2026 में भारत करेगा AI समिट आयोजित
PM मोदी ने कहा कि भारत फरवरी 2026 में “सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय” थीम के साथ AI Impact Summit आयोजित करेगा. उन्होंने जोर दिया कि अब हमें आज की नौकरियों के बजाय भविष्य के लिए कौशल तैयार करने पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने उम्मीद जताई कि G20 देश मिलकर दुनिया के युवाओं के लिए टैलेंट मोबिलिटी का एक ग्लोबल फ्रेमवर्क बनाएंगे.
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