Mumbai : पीएम नरेंद्र मोदी ने आज मुंबई में मैरीटाइम लीडर्स कॉन्क्लेव को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि यह भूमि छत्रपति शिवाजी महाराज की है. उन्होंने(शिवाजी महाराज) न केवल समुद्री सुरक्षा की नींव रखी, बल्कि अरब सागर में व्यापार मार्गों पर भारत का प्रभुत्व भी स्थापित किया.
#WATCH | Mumbai: Addressing the Maritime Leaders' Conclave, Prime Minister Narendra Modi says, "A quarter of the 21st century has passed. The next 25 years of this century are even more crucial, so our focus is on the Blue Economy and Sustainable Coastal Development. We are… pic.twitter.com/YFGnjFABBi
— ANI (@ANI) October 29, 2025
पीएम ने इस क्रम में कहा, भारत की एक और विशेषता है, हमारा जीवंत लोकतंत्र और विश्वसनीयता. जब वैश्विक समुद्र अशांत होता है, तो दुनिया एक स्थिर प्रकाशस्तंभ की तलाश करती है. भारत ऐसे प्रकाशस्तंभ की भूमिका को पूरी मजबूती से निभा सकता है.
श्री मोदी ने कहा, 21वीं सदी का एक चौथाई हिस्सा बीत चुका है. इस सदी के अगले 25 साल और भी महत्वपूर्ण हैं, इसलिए हमारा ध्यान ब्लू इकोनॉमी और सतत समुद्र तटीय विकास पर है. हम हरित रसद, बंदरगाह संपर्क और तटीय औद्योगिक समूहों पर बहुत जोर दे रहे हैं.
पीएम ने कहा, भारत में निर्मित जहाज वैश्विक व्यापार का एक अहम हिस्सा हुआ करते थे. फिर हम जहाज़ तोड़ने के क्षेत्र में आगे बढ़े. भारत जहाज निर्माण उद्योग को आगे बढ़ाने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है. एक महत्वपूर्ण कदम के तहत बड़े जहाजों को अब बुनियादी ढाँचा संपत्ति के रूप में नामित किया गया है, यह एक ऐसा नीतिगत निर्णय है जो जहाज़ निर्माताओं के लिए अनगिनत अवसरों के द्वार खोलेगा.
यह बदलाव वित्तपोषण विकल्पों तक आसान पहुच, कम ब्याज लागत और बेहतर ऋण सुविधाओं का मार्ग प्रशस्त करता है. इस सुधार को गति देने के लिए, सरकार लगभग 70,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बना रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज देश में परिचालन योग्य जलमार्गों की संख्या तीन से बढ़कर 32 हो गयी है.
पीएम ने कहा, पिछले एक दशक में हमारे बंदरगाहों के शुद्ध वार्षिक अधिशेष में नौ गुना वृद्धि हुई है. हमें गर्व है कि आज भारत के बंदरगाह विकासशील देशों के सबसे कुशल बंदरगाहों में गिने जाते हैं. कई मापदंडों पर, ये विकसित देशों के बंदरगाहों से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं.भारत शिपिंग उद्योग में, विशेष रूप से मानव संसाधन विकास में, उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है.
पिछले एक दशक में, भारतीय नाविकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 1.25 लाख से बढ़कर 3 लाख से अधिक हो गयी है. आज, नाविकों की कुल संख्या के मामले में भारत दुनिया के शीर्ष तीन देशों में शामिल है. उन्होंने कहा कि तटीय नौवहन अधिनियम को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह व्यापार को आसान बनाये.
पीएम ने कहा, समुद्री भारत विजन के तहत, 150 से ज़्यादा पहल शुरू की गयी हैं, जिसके परिणामस्वरूप समुद्री क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार हुए हैं. भारत के प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता दोगुनी हो गयी है और माल ढुलाई का समय काफ़ी कम हो गया है. इसके अतिरिक्त, क्रूज़ पर्यटन ने भी काफ़ी तेज़ी पकड़ी है. अंतर्देशीय जलमार्गों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, और माल ढुलाई में 700% से ज़्यादा की वृद्धि हुई है.
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