New Delhi : प्रधानमंत्री मोदी ने आज शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल द्वारा लिखे गये एक लेख को साझा करते हुए लिखा कि भारत की नदियां केवल विरासत का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि प्रगति का राजमार्ग हैं.
India’s rivers are not just symbols of heritage, they are highways of progress! Union Minister Shri @sarbanandsonwal shares his vision for rejuvenated waterways and how they are sailing towards a Viksit Bharat.
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2025
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दरअसल केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने एक्स पर एक लेख पोस्ट किया है. उन्होंने लिखा कि एक समय था जब भारत की नदियां न केवल पवित्र थीं, बल्कि परिवहन का एक व्यावहारिक साधन भी थीं. भारत की नदियां ही पहले राजमार्ग थीं, जिनकी धाराएं अनाज, नमक और कहानियां ढोती थीं.
समय के साथ, जब स्टील की पटरियों और डामर सड़कों ने उनकी जगह ले ली, तो नदियां केवल वादे बनकर रह गयीं. पीएम मोदी ने लिखा, भारत की नदियां केवल विरासत का प्रतीक नहीं हैं, वे प्रगति के राजमार्ग हैं! केंद्रीय मंत्री @sarbanandsonwal ने पुनर्जीवित जलमार्गों के लिए अपना दृष्टिकोण साझा किया है.
उन्होंने बताया कि हम कैसे विकसित भारत की ओर अग्रसर हैं. लिखा कि पिछले कुछ वर्षों में लॉजिस्टिक्स, पर्यटन और बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया है. केंद्रीय मंत्री ने लिखा है कि भारत में 14,500 किलोमीटर से अधिक नौगम्य जलमार्ग हैं और 111 को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया गया है. लिखा कि 2014 तक देश में केवल पांच ही राष्ट्रीय जलमार्ग थे. अब 32 चालू हैं.
सोनोवाल ने इस लेख में नदी मार्ग से 2013-14 में 18 मिलियन टन से बढ़कर 2024-25 में 145 मिलियन टन तक माल ढुलाई की आशाजनक तस्वीर पेश की गयी है. सरकार ने 2030 तक 200 मिलियन टन और 2047 तक 250 मिलियन टन माल ढुलाई का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है. सोनोवाल ने लिखा है कि देश में नदी पर्यटन तेज़ी से बढ़ रहा है. एक दशक पहले सिर्फ़ पांच जहाज़ चलते थे. आज 13 जलमार्गों पर 25 क्रूज़ हो गये हैं.
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