Ranchi : राज्य पुलिस सेवा के अफसरों को आईपीएस में प्रोन्नति देने को लेकर आहूत यूपीएससी की बैठक ना होने के दूसरे दिन विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने एक बयान जारी किया है. बाबूलाल मरांडी ने इसके लिए डीजीपी अनुराग गुप्ता को जिम्मेदार ठहराते हुए लिखा कि यूपीएससी ने उन्हें बैठक में शामिल रखने से मना कर दिया. इस कारण 12 अगस्त को बैठक नहीं हो सकी.
समाचारों से पता चला है कि झारखंड पुलिस सेवा के अफ़सरों की आईपीएस में प्रोन्नति के लिये आयोजित यूपीएससी की बैठक इसलिये रद्द हो गई क्योंकि रिटायरमेंट के बाद भी अवैध एवं ग़ैरक़ानूनी रूप से डीजीपी के पद पर काम कर रहे अनुराग गुप्ता को उस बैठक में शामिल रखने से यूपीएससी से मना कर दिया।…
— Babulal Marandi (@yourBabulal) August 13, 2025
अनुराग गुप्ता की वजह से योग्य अफसर का आईपीएस बनना टला
बाबूलाल मरांडी ने अपने बयान में आगे कहा है कि अनुराग गुप्ता के डीजीपी रहने की वजह से ही राज्य पुलिस के योग्य अफसरों को आईपीएस बनने का जो अवसर मिला था, वह अनिश्चितकाल के लिए टल गया है. यह तब हुआ है, जब प्रोन्नति पाने वाले अफसरों के लिए एक-एक दिन महत्वपूर्ण है.
12 अगस्त को होने वाली बैठक अचानक टल गई
मालूम हो कि यूपीएससी ने राज्य सेवा के पुलिस अफसरों को प्रोन्नति देने के लिए 12 अगस्त को बैठक बुलायी थी. बैठक में शामिल होने के लिए गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अलावा झारखंड के मुख्य सचिव अलका तिवारी, गृह सचिव वंदना दाडेल और डीजीपी अनुराग गुप्ता दिल्ली भी गए थे.
लेकिन अचानक बैठक रद्द कर दी गई. बैठक रद्द होने को लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. लेकिन बाबूलाल मरांडी ने अपने बयान में इसका कारण यूपीएससी द्वारा अनुराग गुप्ता को डीजीपी नहीं मानना बताया है.
बाबूलाल ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की है याचिका
उल्लेखनीय है कि बाबूलाल मरांडी ने अनुराग गुप्ता की डीजीपी पद पर नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इस याचिका पर सुनवाई अगले सप्ताह होनी है. हर सुनवाई से पहले इसको लेकर अलग-अलग तरह के कयास लगाये जाते रहे हैं.
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