Ranchi : पूरनचंद फाउंडेशन की पहल "पूरन की पाठशाला" आज गांव-गांव में प्रेरणा का स्त्रोत बन चुकी है. इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, खेल और संस्कार को बढ़ावा देना है. इसी कड़ी में सिरका गांव स्थित संस्था में जर्सी वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसने बच्चों में विशेष उत्साह भर दिया.
कार्यक्रम के दौरान नियमित रूप से भाग लेने वाले और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को सम्मानपूर्वक जर्सी प्रदान की गई. इस अवसर पर संस्था के सचिव अभिजीत कुमार और प्रो संजय कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे.
अभिजीत कुमार ने कहा कि पूरन की पाठशाला केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि बच्चों को जीवन के हर पहलू से जोड़ने का एक मंच है. इस मंच में अनुशासन, खेलकूद और कला-संस्कारों की शिक्षा दी जाती है. बच्चों की मुस्कान ही हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है.
प्रोफेसर संजय कुमार ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि पूरन की पाठशाला में शिक्षा के साथ-साथ खेल, कला और प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता सिखाई जाती है, जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सके.
कार्यक्रम के अंत में विजेता बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. साथ ही खेल, कला एवं प्रकृति के महत्व पर विशेष सत्र भी आयोजित किया गया.
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