Ranchi : राज्य स्तरीय सहकारिता कार्यशाला का उद्घाटन आज पशुपालन निदेशालय, रांची में राज्य की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने किया. कार्यशाला में राज्य भर के लैंप्स–पैक्स के अध्यक्ष, सचिव और सदस्य बड़ी संख्या में शामिल हुए. सभी प्रतिनिधियों ने मंत्री के समक्ष अपनी मौजूदा समस्याएं और सुझाव खुले तौर पर रखे.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि सहकारिता विभाग का संचालन सहयोग और पारदर्शिता के साथ ही संभव है. उन्होंने बताया कि सरकार लैंप्स–पैक्स को पूरी तरह कंप्यूटरीकृत करने के साथ उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने पर कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि लैंप्स–पैक्स को लोन उपलब्ध कराने की योजना पर विभाग काम कर रहा है.
सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि लोन पर लगने वाला ब्याज सरकार वहन करेगी, ताकि समितियां बिना आर्थिक बोझ के अपने कार्यों को मजबूती से आगे बढ़ा सकें. इस पहल का उद्देश्य लैंप्स–पैक्स को सरकार की योजनाओं का केंद्र बिंदु बनाना है, जिससे किसानों को किसी अन्य जगह भटकना न पड़े.
मंत्री ने स्पष्ट कहा कि झारखंड अलग राज्य शोषण से मुक्ति के लिए बना था, लेकिन आज भी हमारे बीच कुछ लोग शोषणकारी भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि किसान हित में ईमानदार पहल आवश्यक है चाहे बात KCC लोन की हो, गोदाम निर्माण की, लैंप्स–पैक्स के बकाया कमीशन भुगतान की या किसी भी कल्याणकारी योजना के क्रियान्वयन की.
उन्होंने लैंप्स–पैक्स की जमीन पर गोदाम निर्माण को लेकर संबंधित अधिकारियों को तुरंत और गंभीर पहल करने के निर्देश दिए. मंत्री ने कहा कि झारखंड भी सहकारिता की मदद से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर सकता है, जैसे केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में सहकारिता समितियां मजबूत आर्थिक मॉडल बन चुकी हैं.
इसके लिए सोच को बड़ा करना होगा. सरकार किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए उन्हें अन्य राज्यों की उन्नत सहकारिता प्रणालियों का अनुभव कराने हेतु भेजने की योजना भी बना रही है.
कार्यशाला के दौरान बेहतर काम करने वाले लैंप्स–पैक्स को सम्मानित किया गया. इस अवसर पर निबंधक शशि रंजन, मोहम्मद सरफराज, संयुक्त निबंधक जय प्रकाश शर्मा, प्रकाश कुमार, राकेश कुमार तथा नाबार्ड के अधिकारी उपस्थित थे.



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