Vinit Upadhyay
Ranchi: कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर से पहले राज्य के अलग- अलग जेलों में कैदियों की संख्या कम करने पर काम चल रहा है. इसके मद्देनजर हाई पावर कमेटी के दिशा निर्देश पर 7 साल से कम सजा के अपराध में बंद लगभग 250 विचाराधीन कैदियों को छोड़ने के लिए रांची जिला विधिक सेवा प्राधिकार काम कर रहा है. रांची के वकीलों द्वारा कार्य शुरू करने के बाद बंदियों के आवेदन विधिक सेवा प्राधिकार को मिलने शुरू हो जायेंगे. जिसके बाद इन कैदियों को जमानत पर छोड़े जाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन के मुताबिक मिलेगी जमानत
बता दें कि वैश्विक महामारी कोरोना के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन के मुताबिक राज्य के सभी जिला अदालतों में 7 वर्ष से कम सजा पाने वाले विचाराधीन कैदियों को जमानत पर छोड़ने का निर्देश जारी किया गया है ,जिसके बाद से विचाराधीन कैदियों को जेल से छोड़ने की यह प्रक्रिया में काम चल रहा है.अब तक 250 कैदियों को जमानत पर छोड़ने के लिए डालसा ने चिन्हित किया है.ये सभी कैदी बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में न्यायिक अभिरक्षा में हैं इसके साथ ही लगभग एक दर्जन विचाराधीन बाल बंदियों को बाल सुधार गृह से जमानत पर रिहा कर उनके परिजनों को सौंपने की योजना पर भी काम पूरा कर लिया गया है..
45 दिनों के लिए सशर्त जमानत पर छोड़ा जायेगा
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अभिषेक कुमार ने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए जेल में बंद 7 साल से कम सजा पाने वाले विचाराधीन कैदियों को 45 दिनों के लिए सशर्त जमानत पर छोड़ा जायेगा. विचाराधीन कैदियों को कानूनी सहायता के लिए अधिवक्ता मुहैया कराने के साथ संबंधित कोर्ट में उनके आवेदन को भेजने की प्रक्रिया जल्द शुरू कर दी जाएगी. जिन बंदियों को छोड़ा जायेगा उनके अपराधिक इतिहास की पूरी कुंडली खंगाली जाएगी. इतना ही नहीं नक्सल मामलों ,गंभीर आपराधिक मामलों और आदतन अपराधियों को नहीं छोड़ने का सख्त निर्देश दिया गया है.