Kathmandu : नेपाल में जारी राजनीतिक संकट के बीच घटनाक्रम बदल गया है. खबर है कि राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने नेपाल की संसद को भंग कर दिया है और मध्यावधि चुनाव के लिए नयी तारीखें घोषित कर दी है. अब 12 और 19 नवंबर को नेपाल में निचले सदन यानी प्रतिनिध सभा के लिए संसदीय चुनाव होंगे.
इसे विपक्ष के लिए झटका माना जा रहा है.राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री पद के लिए शेर बहादुर देउबा और केपी शर्मा ओली दोनों के दावों को खारिज कर दिया.
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शुक्रवार को हुई थी विपक्षी दलों की बैठक
जानकारी के अनुसार नेपाल के विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को पद से हटाने और मौजूदा राजनीतिक संकट को सुलझाने के लिए आगे की रणनीति तय करने के लिए शुक्रवार को बैठक की थी. उघर ओली ने संसद में अपनी सरकार का बहुमत साबित करने के लिए एक और बार शक्ति परीक्षण से गुजरने में अनिच्छा व्यक्त की थी.
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30 दिनों में ओली को बहुमत साबित करना था
बता दें कि एक दिन पहले ही राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने देश के राजनीतिक दलों से नयी सरकार बनाने का दावा पेश करने को कहा था. राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री ओली की सिफारिश पर राजनीतिक दलों के लिए नयी सरकार बनाने के लिए शुक्रवार शाम 5 बजे तक की समय-सीमा तय की थी.
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