Lagatar Desk : देश में राजनीतिक और चुनावी सुधारों के अग्रदूत तथा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के सह-संस्थापक प्रोफेसर जगदीप छोकर का आज सुबह निधन हो गया. राजनीति से भ्रष्टाचार और अपराध को समाप्त करने के उद्देश्य से ADR जैसी संस्था की नींव रखने वाले प्रो. छोकर का यूं अचानक जाना देश के लिए गहरा आघात जैसा है.
चुनावी बांड के खिलाफ प्रोफेसर जगदीप छोकर की ऐतिहासिक जनहित याचिका और उस पर मिली सुप्रीम कोर्ट की जीत भारतीय लोकतंत्र की बड़ी उपलब्धि के रूप में हमेशा याद की जाएगी. उनकी साफ मान्यता थी कि हमारा लोकतंत्र भीतर से खोखला है, क्योंकि हमारी राजनीतिक पार्टियां अलोकतांत्रिक ढांचे पर आधारित हैं और यही स्थिति पूरे तंत्र पर असर डालती है.
पिछले तीन दशकों से अधिक समय तक उन्होंने अपने साथी प्रोफेसर त्रिलोचन शास्त्री के साथ राजनीति में पारदर्शिता और जवाबदेही को लाने तथा धनबल और बाहुबल के प्रभुत्व को खत्म करने के लिए सतत संघर्ष किया. वे कई अहम चुनावी सुधारों के प्रेरक बने और सर्वोच्च न्यायालय, चुनाव आयोग, राजनीतिक दलों और जनता के बीच एक सशक्त लोकतंत्र की स्थापना के लिए आवाज उठाते रहे.
प्रो. छोकर न केवल राजनैतिक चिंतक और लेखक थे, बल्कि बेहद नेक दिल इंसान भी थे. उनकी इच्छा के अनुसार, उनका अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा, बल्कि उनका शरीर लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज को दान किया जाएगा.
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