Chaibasa : लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी से संबंधित चाईबासा के एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट में दर्ज मुकदमे की शनिवार को सुनवाई नहीं हो सकी. न्यायाधीश सुप्रिया रानी तिग्गा के अवकाश पर रहने के कारण सुनवाई टल गई. अब इस मामले की अगली तारीख 9 अक्टूबर निर्धारित की गई है.
ज्ञात हो कि राहुल गांधी ने मुकदमे में ट्रायल के दौरान निजी उपस्थिति से छूट के लिए अदालत में धारा 205 के तहत आवेदन दाखिल किया है. इस पर अदालत को शनिवार को फैसला सुनाना था. इससे पहले 22 सितंबर को दोनों पक्षों की बहस पूरी हो चुकी थी और अदालत ने आदेश सुरक्षित रख लिया था. राहुल गांधी की ओर से अधिवक्ता सुभाष चंद्र मिश्रा, प्रणब दरिपा, मिली बिरुवा और सरस्वती दास ने पक्ष रखा. कांग्रेस जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर दास व जिला प्रवक्ता त्रिशानु राय भी कोर्ट परिसर में मौजूद थे.
इस मामले को लेकर कांग्रेस समर्थकों और स्थानीय राजनीतिक हलकों में उत्सुकता बनी हुई है. राहुल गांधी के आवेदन पर अदालत का फैसला अहम माना जा रहा है. यदि अदालत उन्हें व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट देती है, तो वे संसदीय व राजनीतिक कार्यक्रमों में बिना किसी बाधा के हिस्सा ले सकेंगे. वहीं, यदि अदालत उनका आवेदन खारिज करती है, तो उन्हें आगे की सभी सुनवाइयों में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना पड़ेगा.
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता केशव प्रसाद महतो का कहना है कि कानून सबके लिए समान है, इसलिए राहुल गांधी को भी अन्य अभियुक्तों की तरह अदालत में उपस्थित रहना चाहिए. गौरतलब है कि यह मामला वर्ष 2018 में राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस के एक कार्यक्रम में दिए गए उस भाषण से संबंधित है, जिसमें उन्होंने कथित रूप से भाजपा नेता अमित शाह पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.
इस टिप्पणी को लेकर भाजपा नेता प्रताप कटियार ने चाईबासा के सीजेएम कोर्ट में मानहानि का मामला दर्ज कराया था. बाद में यह मामला एमपी-एमएलए विशेष न्यायालय में स्थानांतरित किया गया. अब सभी की निगाहें 9 अक्टूबर की तारीख पर टिकी हैं, जब अदालत राहुल गांधी के आवेदन पर अपना निर्णय सुनाएगी.
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