New Delhi : संसद का शीतकालीन सत्र जारी है. आज शुक्रवार को राज्यसभा में एक ऐसा समय आया, जब सत्ता पक्ष को शर्मिदगी झेलनी पड़ी. दरअसल कैबिनेट मंत्रियों की अनुपस्थिति के कारण राज्यसभा की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी.
सदन में 13 दिसंबर 2001 के संसद हमले में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद कार्यवाही जब शुरू हुई तो सभी कैबिनेट मंत्री गैरहाजिर थे. विपक्षी सांसदों ने इस नाराजगी जताते हुए सभापति का ध्यान आकृष्ट किया.
इस पर सभापति सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि वे इस मुद्दे को सरकार के समक्ष उठायेंगे. साथ ही उन्होंने एक जूनियर मंत्री से कहा वे कैबिनेट मंत्रियों को बुलायें. कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने मुद्दा उठाते हुए कहा, यह सदन का अपमान है.
कहा कि जब तक कोई कैबिनेट मंत्री नहीं आता, सदन को स्थगित किया जाये. पांच मिनट इंतजार करने के बाद सभापति ने कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी.
कैबिनेट मंत्रियों के सदन में आने के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कैबिनेट मंत्रियों की अनुपस्थिति के लिए खेद व्यक्त करते हुए बताया कि उन्हें लोकसभा में पूर्व स्पीकर और पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल के निधन पर श्रद्धांजलि देने जाना पड़ा था.
यह भी जानकारी दी कि नेता सदन जेपी नड्डा के नाम से लोकसभा में प्रश्न लगे थे, जिसके कारण उनकी मौजूदगी वहां जरूरी थी. रिजिजू ने कहा, मुझे खेद है कि सदन में कोई कैबिनेट मंत्री मौजूद नहीं था.
इस क्रम में कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि शिवराज पाटिल राज्यसभा में भी सदस्य रह चुके हैं, इसलिए यहां भी श्रद्धांजलि दी जानी चाहिए. रिजिजू ने जवाब दिया कि औपचारिक प्रक्रिया के कारण थोड़ा समय लग रहा हैय राज्यसभा में भी उचित श्रद्धांजलि दी जायेगी.
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