Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को जमशेदपुर के घोड़ाबांधा पहुंचकर दिवंगत शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि प्रकृति की गोद में बाबा दिशोम गुरुजी के चले जाने के बाद रामदास दा का इस तरह से चले जाने की पीड़ा मेरे लिए अत्यंत असहनीय है. यह जो शून्यता बनी है, इसकी भरपाई शायद ही कभी हो पाएगी.
स्मृति शेष बाबा दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नेतृत्व में लंबे समय तक चले झारखंड अलग राज्य आंदोलन में स्व रामदास दा का अहम योगदान था. उनका व्यवहार काफी सरल और सहज था. एक क्रांतिकारी-आंदोलनकारी के साथ-साथ उनका सामाजिक सरोकार काफी व्यापक था. वे अपने सार्वजनिक जीवन में लोगों के दुःख-दर्द और समस्याएं को दूर करने के लिए हमेशा खड़े रहते थे.
शिक्षा व्यवस्था को उत्कृष्ट बनाने को लेकर भी वे सजग रहते थे
सीएम ने कहा कि वे राज्य में शिक्षा व्यवस्था को उत्कृष्ट बनाने को लेकर भी सजग रहते थे. शिक्षा को और कैसे बेहतर बनाया जाए, राज्य के हमारे नौनिहालों को कैसे उत्कृष्ट शिक्षा मिले, इसे लेकर हमारी कई बार चर्चा भी हुई थी. स्वर्गीय रामदास दा सशरीर हमारे साथ नहीं हैं, लेकिन उनका व्यक्तित्व और कार्य सदैव सभी को ऊर्जा प्रदान करता रहेगा.
मरांग बुरु दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिजनों को दुःख की घड़ी सहन करने की शक्ति दे. इस दुःख की घड़ी में पूरा झामुमो परिवार, शोकाकुल परिवार के साथ खड़ा है.
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