New Delhi : पीएम मोदी ने इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप द्वारा आयोजित रामनाथ गोयनका व्याख्यान के दौरान कल कहा कि कुछ राजनीतिक दल और नेता सामाजिक न्याय के नाम पर केवल अपना हित साधने में लगे रहते हैं. पीएम ने गुलामी की मानसिकता की बात की. उनका इशारा कांग्रेस की ओर था.
Delivering the sixth Ramnath Goenka Lecture in Delhi. @IndianExpress https://t.co/ZJT2aoa52d
— Narendra Modi (@narendramodi) November 17, 2025
Attended PM @narendramodi’s #RamnathGoenkaLecture at the invitation of @IndianExpress last night. He spoke of India's "constructive impatience" for development and strongly pushed for a post-colonial mindset.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) November 18, 2025
The PM emphasized that India is no longer just an 'emerging market'… pic.twitter.com/97HwGgQ67N
पीएम ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकारों ने अर्बन नक्सलियों को शीर्ष पदों से नवाजा. उन्होंने कांग्रेस को मुस्लिमलीगी माओवादी कांग्रेस करार देते हुए कहा कि वह अब भी राष्ट्रीय हितों की अनदेखी कर रही है.
पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति का जिक्र किया. कहा कि वैश्विक अस्थिरता के बावजूद देश की जीडीपी लगभग सात प्रतिशत की दर से बढ़ रही है. दुनिया के लिए भारत एक उभरते हुए बाजार के साथ एक उभरता हुआ मॉडल भी है. पीएम ने चुनाव को लेकर भी अपनी बात रखी.
श्री मोदी ने कहा कि लोगों के कल्याण के लिए भावनात्मक होकर काम करना चाहिए, चुनाव को ध्यान में रखकर नहीं. हम चुनाव इसलिए जीतते हैं, क्योंकि हम विकास और जनता कल्याण के लिए चौबीस घंटे प्रतिबद्ध हैं. पीएम ने कहा, मैं सभी राज्यों से कहना चाहता हूं कि बिहार के नतीजे बताते हैं कि लोग किस तरह की सरकार चाहते हैं.
पीएम मोदी ने कहा, सभी दलों को चाहिए कि वे केवल विकास पर ध्यान केंद्रित करें. उन्होंने यह भी कहा कि हम अंग्रेजी भाषा के खिलाफ नहीं हैं, हम सभी भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देना चाहते हैं.
अहम बात यह रही कि कार्यक्रम में कांग्रेस के दिग्गज नेता शशि थरूर भी आये हुए थे. उन्होंने पीएम मोदी के भाषण के कुछ अंश सोशल मीडिया पर साझा करते हुए पीएम मोदी की जमकर तारीफ की. शशि थरूर ने कहा, पीएम ने गुलामी की मानसिकता से निकलने की बात कही.
पीएम मोदी ने भारत को एक उभरता हुआ बाजार बताया. पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि लोग आरोप लगाते हैं कि वह हमेशा चुनाव के मूड में ही रहते हैं पीएम ने कहा, ऐसा नहीं है. वे लोगों की समस्याओं को लेकर भावनात्मक मूड में रहते हैं.
शशि थरूर ने पीएम के भाषण के उस अंश को महत्वपूर्ण बताया, जिसमें पीएम मोदी ने मैकॉले की 200 साल की थोपी गयी गुलामी की मानसिकता से निकलने और 10 साल अपनी संस्कृति, भाषा और नॉलेज सिस्टम को रीस्टोर करने में लगाने की बात कही.
थरूर ने उम्मीद जताई कि पीएम ने जरूर ध्यान दिया होगा कि रामनाथ गोयनका ने किस तरह अंग्रेजी भाषा में राष्ट्रवाद की आवाज बुलंद की थी. थरूर ने पीएम मोदी के भाषण को आर्थिक परिदृश्य, सांस्कृतिक आह्वान और अथक परिश्रम की प्रेरणा से ओतप्रोत करार दिया.
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