Ranchi: झारखंड प्रदेश एंबुलेंस कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीरज तिवारी ने सम्मान फाउंडेशन संस्था पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं. उन्होंने मीडिया के माध्यम से झारखंड सरकार और प्रशासन से अपनी सुरक्षा तथा दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है.
नीरज तिवारी का कहना है कि 108 एंबुलेंस सेवा का संचालन कर रही सम्मान फाउंडेशन कंपनी द्वारा कई महीनों से उन्हें दबाव, साजिश और जानलेवा धमकियों का सामना करना पड़ रहा है. श्रमिक हितों और कर्मचारियों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने के कारण न केवल उन्हें निलंबित किया गया, बल्कि झूठे आरोप लगाकर प्राथमिकी दर्ज कर आंदोलन को दबाने का भी प्रयास किया गया.
उन्होंने बताया कि 29 नवंबर 2025 को संस्था के अधिकारियों एवं समर्थकों द्वारा उन्हें खुले तौर पर धमकी दी गई कि वे नेतागिरी बंद करें, अन्यथा उन्हें जान से मरवा दिया जाएगा.
यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले 21 अगस्त 2025 को रांची स्थित सम्मान फाउंडेशन कार्यालय में तिवारी को कथित तौर पर बंधक बनाया गया, उनका मोबाइल छीन लिया गया और जातिगत अपमानजनक शब्दों के साथ अभद्र गाली-गलौज की गई. इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज भी हो चुकी है.
नीरज तिवारी ने कहा कि वे 24 घंटे आपातकालीन सेवा में अपनी ड्यूटी निभाते हैं, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और किसी भी अनहोनी का खतरा बना हुआ है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि उनके साथ कोई घटना घटती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी सम्मान फाउंडेशन कंपनी और संबंधित अधिकारियों की होगी.
नीरज तिवारी की दो मुख्य मांगें हैं-
1. धमकी और साजिश में शामिल सभी व्यक्तियों पर तत्काल कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए.
2. उन्हें तुरंत सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए, ताकि वे निर्भय होकर अपने दायित्वों का पालन कर सकें.
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर राज्य के एंबुलेंस कर्मचारियों में भारी आक्रोश है और संगठन जल्द ही इस मुद्दे पर राज्यव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने की तैयारी में है.
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