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रांची: किसान सभा की हुई बैठक, 23 दिसंबर को राज्यस्तरीय धरने की घोषणा

Ranchi : अखिल भारतीय किसान सभा की झारखंड प्रदेश कमिटी की महत्वपूर्ण बैठक आज प्रेस क्लब में आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजन क्षीर सागर के द्वारा की गई. इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष भुवनेश्वर प्रसाद मेहता (पूर्व सांसद), प्रदेश महासचिव पुष्कर महतो सहित संगठन के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे.

 

बैठक में किसानों से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई, जिनमें एमएसपी की गारंटी, कृषि ऋण माफी, खाद-बीज की बढ़ती कीमतें और सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए राहत पैकेज की मांग प्रमुख रही.

 

राष्ट्रीय अध्यक्ष राजन क्षीर सागर ने कहा कि झारखंड में भूमि अधिग्रहण और विस्थापन की समस्या लगातार बढ़ रही है. झारखंड में अब तक लगभग 45 लाख लोग जबरन भूमि अधिग्रहण के कारण विस्थापित हुए है.सबसे ज्यादा विस्थापन कोल इंडिया, डीवीसी, एचईसी और अन्य सरकारी परियोजनाओं के कारण हुआ है.

 

उन्होंने कहा कि आज भी भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 के बावजूद किसानों की उपजाऊ जमीन औने-पौने दामों पर अधिग्रहित की जा रही है, जिससे आदिवासी और दलित समुदाय सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं.

 

राजन क्षीर सागर ने उदाहरण देते हुए कहा कि एनटीपीसी, कोल इंडिया और अन्य कंपनियों द्वारा किसानों को कम मुआवजा दिया जा रहा है, जबकि बिहार जैसे राज्यों में अधिक मुआवजा दिया जा रहा है. उन्होंने गोड्डा, बड़कागांव, केरेडारी और अन्य क्षेत्रों में कंपनियों और प्रशासन की मिलीभगत से किसानों के साथ हो रहे अन्याय के बारे में भी बताया.

 

उन्होंने कहा कि रघुवर दास के मुख्यमंत्री काल में बिना जांच के 21 लाख हेक्टेयर गैरमजरूआ जमीन भूमि बैंक में डाल दी गई थी, जिसमें से अधिकांश जमीन गरीब और आदिवासी किसानों की है. उन्होंने सरकार से मांग की कि इस निर्णय को रद्द किया जाए और जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित हुई है, उन्हें रैयती मान्यता, उचित मुआवजा और पुनर्वास दिया जाए.

 

उन्होंने बताया कि झारखंड में बेरोजगारी और विस्थापन की समस्या बढ़ रही है. स्थानीय युवाओं और महिलाओं को रोजगार के अवसर नहीं मिल पा रहे हैं, जिससे सामाजिक शोषण बढ़ा है.

 

उन्होंने आगे कहा कि आने वाले दिनों में किसान सभा आंदोलन को और तेज करेगी. उन्होंने घोषणा की है कि राज्य के सभी जिलों में सदस्यता अभियान चलाया जाएगा.

 

मार्च तक जिला सम्मेलन और जून तक राज्य सम्मेलन आयोजित किया जाएगा.10 नवंबर से 10 दिसंबर तक जल-जंगल-जमीन और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर जिलेवार प्रदर्शन किया जाएगा. 23 दिसंबर 2025 को राज्यस्तरीय विशाल धरना आयोजित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि झारखंड के किसानों के हक और सम्मान की लड़ाई अब अंतिम चरण पर है, और किसान सभा इस लड़ाई को गांव-गांव तक ले जाएगी.

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