Ranchi : कचहरी रोड स्थित सुभाष चौक में त्रिकोण हवन कूंड पंडाल दुर्गा पूजा समिति का इस बार का आकर्षण बना हुआ है. राजस्थान के मयूर भवन थीम पर बना पंडाल श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा है. यह दुर्गा पूजा पंडाल 26 सितंबर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा.
दो महीने की कड़ी मेहनत के बाद कोलकाता के तपन सेन और उनकी 40 सदस्यीय टीम ने इसे साकार किया है. करीब 32 लाख रुपए की लागत से बने इस पंडाल की ऊंचाई 65 फीट, चौड़ाई 60 फीट और लंबाई 140 फीट है.
पर्यावरण के अनुकूल बनाया गया पूजा पंडाल
पूरे पंडाल को इको-फ्रेंडली चीजों से बनाया गया है. इसमें फार्म बांस, कपड़ा और कृत्रिम रंगों का प्रयोग किया गया है. रोशनी के लिए 600 हाइलोजन, 250 मीटर स्ट्रीप लाइट,100 रोप लाइट और 600 लरी लाइटें लगाई गई हैं, जो रात में पंडाल को जगमग कर देंगी.
1935 से शुरू हुई है बंगाली परंपरा
यह पूजा 1935 में शुरू हुई थी. तब महज 150 रुपये चंदा कर 8 फीट की प्रतिमा की पूजा होती थी. विसर्जन बड़ा तालाब में किया जाता था. अब प्रतिमाएं चडरी तालाब में विसर्जित की जाती हैं.
आपातकाल के दौर में पूजा स्थल पर लालटेन की रोशनी से ही पूजा-अर्चना की जाती थी. इस बार 13 फीट की माता दुर्गा प्रतिमा के साथ सरस्वती, गणेश, कार्तिकेय और नौ दुर्गा स्वरूप की झलक देखने को मिलेगी.
पूजा पुजारी विजय पाठक की देखरेख में 27 सितंबर से नवमी तक पूजा-अर्चना करेंगे. 3 अक्टूबर को विसर्जन शोभायात्रा निकलेगी. इसमें ढाक, ढोल, तासा, बेंजो की थाप पर महिलाएं और बच्चे झूमते-नाचते माता को विदाई देंगे. करीब 150 श्रद्धालु इस जुलूस में शामिल होंगे.
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